मुंबई. मैसी फर्ग्यूसन के ब्रांड स्वामित्व अधिकारों पर विवाद में टैफे ने एजीसीओ की सहायक कंपनी मैसी फर्ग्यूसन कॉर्पोरेशन के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में एक सिविल मुकदमा दायर किया था, जिसमें यह दावा किया गया था कि उक्त ट्रेडमार्क विशेष रूप से भारत में टैफे का प्रतीक है और यह विशेष रूप से टैफे के स्वामित्व में है तथा यह घोषित करने की मांग की गई थी कि भारत में मैसी फर्ग्यूसन ब्रांड/ट्रेडमार्क का स्वामित्व टैफे के पास है।
इसने एजीसीओ के मैसी फर्ग्यूसन कॉर्पोरेशन और उनके प्रतिनिधियों को किसी भी तरह से एमएफ ब्रांड/ट्रेडमार्क पर टैफे के विशेष उपयोग में हस्तक्षेप करने और मुकदमे का निपटान होने तक खुद को मैसी ब्रांड/ट्रेडमार्क का मालिक/स्वामी/अधिकार धारक आदि के रूप में प्रस्तुत करने से रोकने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा मांगी थी। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद, 17 अक्टूबर को सुनाए गए अंतरिम आदेश द्वारा टैफे के पक्ष में उपरोक्त निषेधाज्ञा राहतें प्रदान कीं। गौरलतब है कि टैफे (TAFE) ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड, 1960 में चेन्नई, भारत में निगमित एक भारतीय ट्रैक्टर कंपनी है। यह दुनिया का एक सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता और भारत में मात्रा के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता है। टैफे की सालाना 180,000 से अधिक ट्रैक्टरें बिकती हैं।
इसने एजीसीओ के मैसी फर्ग्यूसन कॉर्पोरेशन और उनके प्रतिनिधियों को किसी भी तरह से एमएफ ब्रांड/ट्रेडमार्क पर टैफे के विशेष उपयोग में हस्तक्षेप करने और मुकदमे का निपटान होने तक खुद को मैसी ब्रांड/ट्रेडमार्क का मालिक/स्वामी/अधिकार धारक आदि के रूप में प्रस्तुत करने से रोकने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा मांगी थी। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद, 17 अक्टूबर को सुनाए गए अंतरिम आदेश द्वारा टैफे के पक्ष में उपरोक्त निषेधाज्ञा राहतें प्रदान कीं। गौरलतब है कि टैफे (TAFE) ट्रैक्टर्स एंड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड, 1960 में चेन्नई, भारत में निगमित एक भारतीय ट्रैक्टर कंपनी है। यह दुनिया का एक सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता और भारत में मात्रा के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता है। टैफे की सालाना 180,000 से अधिक ट्रैक्टरें बिकती हैं।