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Santosh Bhati के माता-पिता ने उनकी शादी महज 14 साल की उम्र में करवा दी थी। शादी के बाद वो उदयपुर के पास एक गांव में अपने पति के साथ बहुत खुशी से रह रही थीं। 21 साल की उम्र में वो तीन बेटियों की मां बन चुकी थीं। लेकिन उसके बाद उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनके पति की मौत हो गई। जिसके बाद उन्हें वो सब दुख देखना पड़ा जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। पति के मौत के बाद परिवार वालों ने भी संतोष से मुंह मोड़ लिया।
Success Story : पति की मौत के बाद भी नहीं मानी हार
Santosh Bhati के माता-पिता ने उनकी शादी महज 14 साल की उम्र में करवा दी थी। शादी के बाद वो उदयपुर के पास एक गांव में अपने पति के साथ बहुत खुशी से रह रही थीं। 21 साल की उम्र में वो तीन बेटियों की मां बन चुकी थीं। लेकिन उसके बाद उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनके पति की मौत हो गई। जिसके बाद उन्हें वो सब दुख देखना पड़ा जिसके बारे में उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। पति के मौत के बाद परिवार वालों ने भी संतोष से मुंह मोड़ लिया।
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परिवार का साथ नहीं मिलने के बावजूद भी उन्होंने अपनी तीन बच्चियों का पालन-पोषण किया। उन्होंने कई छोटे-मोटे काम किये। जैसे किसी के घर में काम करना, शादी-ब्याह या किसी और आयोजन में काम करना। इस परिस्थिति में होने के बावजूद उन्होंने सपना देखना नहीं छोड़ा। अपने बच्चों और अपने उज्जवल भविष्य के लिए निरंतर काम करती रहीं और आगे बढ़ना जारी रखा।
Success Story : निरंतर करती रहीं प्रयास
परिवार का साथ नहीं मिलने के बावजूद भी उन्होंने अपनी तीन बच्चियों का पालन-पोषण किया। उन्होंने कई छोटे-मोटे काम किये। जैसे किसी के घर में काम करना, शादी-ब्याह या किसी और आयोजन में काम करना। इस परिस्थिति में होने के बावजूद उन्होंने सपना देखना नहीं छोड़ा। अपने बच्चों और अपने उज्जवल भविष्य के लिए निरंतर काम करती रहीं और आगे बढ़ना जारी रखा।
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अपने कामों के साथ वो अपनी पढ़ाई भी पूरी कर रही थीं। पहले आठवीं की परीक्षा पास की। उसके बाद अपनी बेटी के साथ ही उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा में बैठीं और पास भी हुई। उसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी पूरी की। साथ ही साथ वो वनरक्षक की नौकरी के लिए भी तैयारी कर रही थी। उनकी लगातार करते प्रयास के कारन ही उन्होंने वनरक्षक की परीक्षा पास कर ली। साल 2015 में उन्होंने वनरक्षक की परीक्षा पास की।
Success Story : लगातार प्रयास से पास की परीक्षा
अपने कामों के साथ वो अपनी पढ़ाई भी पूरी कर रही थीं। पहले आठवीं की परीक्षा पास की। उसके बाद अपनी बेटी के साथ ही उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा में बैठीं और पास भी हुई। उसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी पूरी की। साथ ही साथ वो वनरक्षक की नौकरी के लिए भी तैयारी कर रही थी। उनकी लगातार करते प्रयास के कारन ही उन्होंने वनरक्षक की परीक्षा पास कर ली। साल 2015 में उन्होंने वनरक्षक की परीक्षा पास की।