ब्लिंकिंग मोड वाले सिग्नल पर भी चालान, थाने का सर्वर ठप अब तक लाखों चालान ट्रैफिक रूल वायलेशन के आइटीएमएस से बनाए गए हैं। यह और बात है कि इनसे ट्रैफिक जाम कम नहीं हुआ। हाल ही में कई चौराहों पर आइटीएमएस सिग्नल लगाए हैं। टाटा स्टील वायर फैक्ट्री, 60 फीट पल्हर नगर, रामचंद्र नगर सहित कई चौराहों पर सिग्नल ब्लिंकिंग मोड पर हैं। यानी सिग्नल सही काम नहीं कर रहे हैं। सिग्नल बंद-चालू होता रहता है। इससे ट्रैफिक कंट्रोल नहीं होता है, लेकिन यहां भी चालानी कार्रवाई हो रही है। आम जन को लगता है कि सिग्नल बंद हैं और वे इसे क्रॉस कर जाते हैं। कुछ देर बाद उन्हें इन चौराहों से रेड सिग्नल जंप या नो हेलमेट का चालान आ जाता है। चालान जमा करने में भी दिक्कत है। लिंक काम नहीं कर रही और ट्रैफिक थाने जाने पर सर्वर के काम नहीं करने का हवाला दिया जा रहा है। कई लोग आखिरी दिन चालान जमा करने जाते हैं, लेकिन सर्वर के काम नहीं करने से चालान जमा नहीं हो पाता। यह चालान कोर्ट चला जाता है, जिससे तीन गुना राशि जमा करनी पड़ रही है।
ट्रैफिक थाना बढ़ा रहा मुश्किलें बुधवार को दीपक नामक युवक ट्रैफिक थाने पर चालान जमा करने पहुंचे, लेकिन उन्हें लौटना पड़ा। दीपक के मुताबिक, चालान राशि जमा करने की आखिरी तारीख 4 सितंबर थी। लिंक के जरिये सुबह से ही राशि जमा करने का प्रयास किया, लेकिन काम नहीं हुआ। ऑफिस का काम छोड़कर चालान जमा करने थाने पहुंचे तो महिला आरक्षक ने बताया कि सर्वर काम नहीं कर रहा है। इससे चालान जमा नहीं हो पाएगा। अब यह चालान कोर्ट भेज दिया जाएगा, जहां अतिरिक्त राशि जमा करनी पड़ेगी।
ट्रैफिक डीसीपी अरविंद तिवारी ने पत्रिका को बताया जाम से राहत का प्लान सवाल: आइटीएमएस का उद्देश्य क्या था? जवाब: ट्रैफिक दबाव को रेगुलेट और इसके मैनेजमेंट के उद्देश्य से आइटीएमएस सिग्नल लगाए गए थे।
सवाल: इससे कोई फर्क पड़ा? चौराहों और सड़कों पर तो अब भी जाम लग रहा है। जवाब: जाम के अलग-अलग कारण हैं। कुछ जगह मेट्रो या अन्य निर्माण कार्य चल रहे हैं।तीन लेन का ट्रैफिक एक, डेढ़ या दो लेन में चल रहा है, इसलिए जाम तो लगेगा ही।
सवाल: जाम से राहत दिलाने की कोई योजना है? जवाब: कुछ चौराहों को चिन्हित किया है। वहां शॉर्ट और लॉन्ग टर्म की योजना पर काम किया जा रहा है। सवाल: ब्लिंकिंग मोड वाले सिग्नल पर भी चालान बन रहे हैं? जवाब: ट्रिपल सवारी और बिना हेलमेट के चालान बन रहे हैं। आम जन को तो ट्रैफिक रूल का पालन करना ही चाहिए, चाहे सिग्नल हो अथवा न हो।