दिव्यांगता ने जीने के मायने बदल दिए। अपनों का साथ नहीं मिला तो जिंदगी की राह आसान नहीं रही । यह कहानी मांडलगढ़ के विट्ठलपुरा निवासी शंकरलाल (42) पुत्र जालम कुमावत की, जिसका हालिया ठिकाना इन दिनों प्राइवेट बस स्टैंड िस्थत नगर परिषद का रैन बसरा है।
भीलवाड़ा•Jul 23, 2024 / 11:51 am•
Narendra Kumar Verma
Hindi News / Videos / News Bulletin / भीलवाड़ा में रैन बसेरे में कट रही शंकर की जिंदगानी