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सागर में हुई इस सीजन में 60 इंच बारिश, घरों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर बच सकते हैं जलसंकट से

सागर. मानसून के सीजन में इस बार रिकाॅर्ड 60 इंच बारिश हो चुकी है, इसके बावजूद कई स्थानों पर पानी की किल्लत बनी हुई है। अगर चेन्नई मॉडल अपनाकर घरों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया होता तो घर में इतना पानी स्टोर कर सकते थे कि पांच माह तक राजघाट से पानी लेने की […]

सागरSep 18, 2024 / 08:35 pm

प्रवेंद्र तोमर

सागर. मानसून के सीजन में इस बार रिकाॅर्ड 60 इंच बारिश हो चुकी है, इसके बावजूद कई स्थानों पर पानी की किल्लत बनी हुई है। अगर चेन्नई मॉडल अपनाकर घरों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया होता तो घर में इतना पानी स्टोर कर सकते थे कि पांच माह तक राजघाट से पानी लेने की जरूरत नहीं पड़ती।
ऐसे समझें बचत को

मानसून में एक हजार स्क्वायर फीट के मकान की छत से बारिश में ही 90 हजार लीटर पानी स्टोर होता है। एक घर में औसत खपत प्रतिदिन 600 लीटर है। यानी एक माह में 18 हजार लीटर पानी की जरूरत होती है। 90 हजार लीटर बारिश के पानी से 5 माह की जरूरत का पानी आपको घर में ही मिल जाएगा।
राजघाट से हर दिन 70 एमएलडी पानी की सप्लाई

राजघाट से शहर, मकरोनिया और कैंट के लोगों के लिए रोजाना 70 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जाती है। यदि लोग रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर घरों में बारिश का पानी सहेजेंगे तो भूजल स्तर बढ़ने के साथ घर में पानी उपलब्ध होगा। सरकार ने भी भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए 140 वर्गमीटर या इससे बड़़े प्लॉटों पर बनने वाली इमारतों में रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया है। इसके लिए नगरीय निकायों में राशि जमा करवाने के बाद ही बिल्डिंग परमिशन जारी की जाती है, जो मकान में सिस्टम लगने के बाद वापस लौटा दी जाती है।
ये है चेन्नई मॉडल

चेन्नई में पानी की कमी को दूर करने के लिए अधिकांश घरों में लोग बारिश के पानी का उपयोग करने के लिए अंडर ग्राउंड टैंक बनाए हुए हैं। वर्षों पहले सागर विवि में ही कार्यरत प्रोफेसर के निवास पर जाना हुआ था, वहां मैंने इस व्यवस्था को देखा। अंडर ग्राउंड में टैंक बनाकर पानी का प्रयोग करते हैं और करीब 5 से 6 माह उसी बारिश के पानी का उपयोग होता है। ऐसे व्यवस्था वहां हजारों घरों में है।
प्रो. एपी मिश्रा, विभागाध्यक्ष रसायनशास्त्र विभाग, डॉ. हरिसिंह गौर विवि

वाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य

मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 1984 की धारा 78 के मुताबिक रेन-रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया गया है। सागर में जमीनें पथरीली जरूर है, लेकिन व्यवस्थित सिस्टम बनाकर पानी को जमीन में उतारा जा सकता है। केवल 1000 स्क्वेयर फीट के मकान की छत से एक बारिश में ही 90 हजार लीटर पानी जमीन में पहुंच जाता है। एक बार लागत लगाकर हम जमीन के पानी के स्तर को बेहतर बनाए रख सकते हैं। यदि अभी पानी नहीं बचाया तो परेशानी बढ़ेगी।
रामावतार तिवारी, जलप्रदाय प्रभारी

वर्शन

सफाई अभियान की तरह रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का अभियान चलाया जाएगा। अभी लोगों में जागरूकता की कमी है। नियम के अनुसार मकान मालिक सिक्युरिटी डिपाजिट करते हैं, लेकिन वापस लेने इसलिए नहीं पहुंचते, क्योंकि उन्होंने सिस्टम बनवाया ही नहीं होता है। अब इसकी मॉनीटरिंग कराए जाएगी।
राजकुमार खत्री, नगर निगम आयुक्त

फैक्ट फाइल

शहर में घरों की संख्या – 60 हजार

बड़ी छतों की संख्या – करीब 10 हजार

घरों में पानी सहेजने की क्षमता – 90 हजार लीटर
हर दिन एक घर में हो रही पानी की खपत – लगभग 600 लीटर

राजघाट से प्रतिदिन होने वाली पानी की सप्लाई – 70 एमएलडी

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