केंद्रशासित प्रदेश में शनिवार को नववर्ष 2025 के उपलक्ष्य में विशेष महापरिषद की बैठक हुई। संस्थापक, अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेताओं में जी.के. मणि, वन्नियर संघ के अध्यक्ष अरुलमोझी व पार्टी नेता शामिल हुए।बैठक की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मौन श्रद्धांजलि से हुई। बाद में संस्थापक रामदास ने पार्टी के विकास और भविष्य की गतिविधियों के बारे में बात की।
नाती परशुरामन को बनाया अध्यक्षरामदास ने अपने नाती परशुरामन मुकुंदन को पीएमके युवा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त करने की घोषणा की। अध्यक्ष अन्बुमणि ने मंच पर ही इसका जोरदार विरोध किया। वे क्रूद्ध अंदाज में बोले जिसे पार्टी में शामिल हुए चार महीने ही हुए हैं, उसे पद क्यों दिया जा रहा है? रामदास ने यह कहते हुए परशुरामन को अध्यक्ष घोषित किया था कि वे अन्बुमणि की मदद करेंगे। नाराज ने अन्बुमणि ने कहा, उनको किसी की मदद की जरूरत नहीं है, यह कहते हुए उन्होंने माइक फेंक दिया। इससे महापरिषद की बैठक में तनावपूर्ण िस्थति पैदा हो गई।
मेरे कार्यालय में करें भेंट रामदास ने युवा विंग के अध्यक्ष की घोषणा पर आभार व्यक्त करने को कहा तो पूर्व अध्यक्ष जी. के. मणि उठे। तब अन्बुमणि ने माइक संभाला और कहा कि उनका कार्यालय पणयूर में हैं, जो भी उनसे भेंट करना और बात करना चाहता है, वहां आकर मिल सकता है। इस घोषणा से पार्टी कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया।
यह पार्टी मेरी, जो मैं कहूंगा वही अंतिम पीएमके संस्थापक ने तत्काल दोहराया कि वन्नियर संघम और पीएमके दोनों मैंने बनाई है। पार्टी से जुड़े फैसले मैं ही करूंगा। रामदास ने मंच पर ही अन्बुमणि को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि जो मेरी बात सुनने को तैयार नहीं है, चाहे वह कोई भी हो, पार्टी में नहीं रह सकता, वह पार्टी छोड़ सकता है। गौरतलब है कि इस वाकये से पिता-पुत्र के बीच कई दिनों से चल रहा शीत युद्ध अब सार्वजनिक रूप से छिड़ गया है और इससे तमिलनाडु के राजनीतिक क्षेत्र में काफी हलचल है।