ऐसा बन रहा है ग्रेड सेपरेटर
कटनी ग्रेड सेपरेटर परियोजना रेलवे की मेगा परियोजनाओं में से एक है। इसमें अप और डाउन दोनों ही लाइन में क्रमश: 16.08 और 18.01 किलोमीटर लंबी रेल ओवरब्रिज का निर्माण होगा। इसमें अप लाइन में झलवारा से एक लाइन आएगी और दूसरी कटंगीखुर्द की ओर से आएगी। दोनों लाइन आरओबी में उपर ही उपर पड़रिया फाटक के पास मिलेगी और आगे मझगवां तक जाएगी।
कटनी ग्रेड सेपरेटर परियोजना रेलवे की मेगा परियोजनाओं में से एक है। इसमें अप और डाउन दोनों ही लाइन में क्रमश: 16.08 और 18.01 किलोमीटर लंबी रेल ओवरब्रिज का निर्माण होगा। इसमें अप लाइन में झलवारा से एक लाइन आएगी और दूसरी कटंगीखुर्द की ओर से आएगी। दोनों लाइन आरओबी में उपर ही उपर पड़रिया फाटक के पास मिलेगी और आगे मझगवां तक जाएगी।
2023 में होना था पूरा, अबतक अधूरा
जानकारी के अनुसार ग्रेड सेपरेटर का निर्माणकार्य दिसंबर 2023 में पूरा होना था लेकिन लेटलतीफी के चलते ऐसा नहीं हो सका। अफसरों ने जून 2024 समयसीमा तय की लेकिन कार्य अधूरा ही रहा। इसके बाद अफसरों ने इस दो भागों में बांटकर समयसीमा निर्धारित की। रेलवे जीएम ने खुद दावा किया कि अप ग्रेड सेपरेटर का काम सितंबर 2024 तक और डाउन ग्रेड सेपरेटर का काम मार्च 2025 में पूरा करने का लक्ष्य है लेकिन यह लक्ष्य भी अधूरा रह गया।
जानकारी के अनुसार ग्रेड सेपरेटर का निर्माणकार्य दिसंबर 2023 में पूरा होना था लेकिन लेटलतीफी के चलते ऐसा नहीं हो सका। अफसरों ने जून 2024 समयसीमा तय की लेकिन कार्य अधूरा ही रहा। इसके बाद अफसरों ने इस दो भागों में बांटकर समयसीमा निर्धारित की। रेलवे जीएम ने खुद दावा किया कि अप ग्रेड सेपरेटर का काम सितंबर 2024 तक और डाउन ग्रेड सेपरेटर का काम मार्च 2025 में पूरा करने का लक्ष्य है लेकिन यह लक्ष्य भी अधूरा रह गया।
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एनकेजे में फंस रही गाडिय़ां, यात्री हलाकान
ग्रेड सेपरेटर बनने के बाद एनकेजे हम्प गेट व यार्ड में होने वाली ट्रेनों की लेटलतीफी से राहत मिलने की आस है। वर्तमान में इस एरिया से ट्रेनों का आवागमन मुश्किल हो जाता है। अधिकांश ट्रेनें यहां 10 से 30 मिनट तक फंसी रहती है और रूट क्लीयर होने के बाद निकलती है। इसी तरह उपनगरीय क्षेत्र एनकेजे में ग्रेड सेपरेटर निर्माण के चलते रहवासी परेशान है। धूल-डस्ट और भारी वाहनों की आवाजाही से आमजन हलाकान है। मुड़वारा स्टेशन में अमृत भारत योजना के तहत हो रहा सौंदर्यीकरण भी अधूरा पड़ा हुआ है।
एनकेजे में फंस रही गाडिय़ां, यात्री हलाकान
ग्रेड सेपरेटर बनने के बाद एनकेजे हम्प गेट व यार्ड में होने वाली ट्रेनों की लेटलतीफी से राहत मिलने की आस है। वर्तमान में इस एरिया से ट्रेनों का आवागमन मुश्किल हो जाता है। अधिकांश ट्रेनें यहां 10 से 30 मिनट तक फंसी रहती है और रूट क्लीयर होने के बाद निकलती है। इसी तरह उपनगरीय क्षेत्र एनकेजे में ग्रेड सेपरेटर निर्माण के चलते रहवासी परेशान है। धूल-डस्ट और भारी वाहनों की आवाजाही से आमजन हलाकान है। मुड़वारा स्टेशन में अमृत भारत योजना के तहत हो रहा सौंदर्यीकरण भी अधूरा पड़ा हुआ है।
रेलवे को यह होगा फायदा
- बीना-कटनी रेलखण्ड में गुड्स ट्रेन के परिचालन में वृद्धि होगी।
-कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधे संपर्क जुड़ जाएगा।
-कटनी, नई कटनी, कटनी मुड़वारा जैसे अतिव्यस्त क्षेत्र से रेलखंड का बायपास होगा।
-माल यातायात में वृद्धि होने से फ्रेट ट्रेनों के समय मे बचत होगी साथ ही आवागमन में आसानी होगी। - पश्चिम मध्य रेल के रेल राजस्व में भी वृद्धि होगी।