मामला के साथ जुर्माना भी
वन विभाग ने कहा कि अगर 30 सितम्बर से पहले आग्नेयास्त्र और देसी बंदूकें जमा कर दी जाती हैं तो बिना लाइसेंस वाले हथियार रखने के लिए कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा और कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। अगर समय सीमा समाप्त होने के बाद किसी के पास बिना लाइसेंस वाले हथियार पाए जाते हैं तो पुलिस मामला दर्ज करेगी और भारी जुर्माना लगाया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों ने गांव के बुजुर्गों से मुलाकात की है और उनसे किसानों के साथ-साथ अवैध शिकार में शामिल लोगों से अपने हथियार जमा करवाने के लिए कहा है जो ज्यादातर अवैध और स्थानीय रूप से बनाए गए हैं।
वन विभाग ने कहा कि अगर 30 सितम्बर से पहले आग्नेयास्त्र और देसी बंदूकें जमा कर दी जाती हैं तो बिना लाइसेंस वाले हथियार रखने के लिए कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा और कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। अगर समय सीमा समाप्त होने के बाद किसी के पास बिना लाइसेंस वाले हथियार पाए जाते हैं तो पुलिस मामला दर्ज करेगी और भारी जुर्माना लगाया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों ने गांव के बुजुर्गों से मुलाकात की है और उनसे किसानों के साथ-साथ अवैध शिकार में शामिल लोगों से अपने हथियार जमा करवाने के लिए कहा है जो ज्यादातर अवैध और स्थानीय रूप से बनाए गए हैं।
मंदिर में जमा कर दें
जवाधु पहाडि़यों के तिरुपत्तूर की ओर पुदुर नाडु, नेल्लीवासल नाडु, पुंगमपट्टू नाडु और 32 दूरदराज के गांव मौजूद हैं। यह संदेश तीन पंचायतों के प्रमुखों के एक समूह को दिया गया। तमिलनाडु वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तिरुपत्तूर पुलिस के अधिकारी गांव और तालुक अधिकारियों के साथ गांव के बुजुर्गों से कह रहे हैं कि वे इन आग्नेयास्त्रों को रखने वालों से कहें कि वे इन देशी बंदूकों को मंदिरों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जमा करवा दें ताकि उन्हें पुलिस के सामने पेश होने की जरूरत न पड़े और उनकी पहचान उजागर न हो।
जवाधु पहाडि़यों के तिरुपत्तूर की ओर पुदुर नाडु, नेल्लीवासल नाडु, पुंगमपट्टू नाडु और 32 दूरदराज के गांव मौजूद हैं। यह संदेश तीन पंचायतों के प्रमुखों के एक समूह को दिया गया। तमिलनाडु वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तिरुपत्तूर पुलिस के अधिकारी गांव और तालुक अधिकारियों के साथ गांव के बुजुर्गों से कह रहे हैं कि वे इन आग्नेयास्त्रों को रखने वालों से कहें कि वे इन देशी बंदूकों को मंदिरों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जमा करवा दें ताकि उन्हें पुलिस के सामने पेश होने की जरूरत न पड़े और उनकी पहचान उजागर न हो।
जिले में 177 लाइसेंसी बंदूकें
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में जवाधु पहाड़ी क्षेत्र में अवैध हथियारों की संख्या का कोई डाटा नहीं है। हालांकि जिले में 177 लाइसेंसी बंदूकें हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव से पहले जमा करवाया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र के आदिवासी आजादी के बाद से ही इन देशी बंदूकों को अपने पास रखते आ रहे हैं। वे शिकार के लिए इन बंदूकों का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही जंगली जानवरों और चोरी से बचने के लिए भी इनका इस्तेमाल करते हैं। हालांकि क्षेत्र में बेहतर सड़के और परिवहन व्यवस्था होने के कारण आज अवैध हथियार रखने की जरूरत नहीं है।
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में जवाधु पहाड़ी क्षेत्र में अवैध हथियारों की संख्या का कोई डाटा नहीं है। हालांकि जिले में 177 लाइसेंसी बंदूकें हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव से पहले जमा करवाया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र के आदिवासी आजादी के बाद से ही इन देशी बंदूकों को अपने पास रखते आ रहे हैं। वे शिकार के लिए इन बंदूकों का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही जंगली जानवरों और चोरी से बचने के लिए भी इनका इस्तेमाल करते हैं। हालांकि क्षेत्र में बेहतर सड़के और परिवहन व्यवस्था होने के कारण आज अवैध हथियार रखने की जरूरत नहीं है।