यह अध्ययन पूरे बीयूडी में 2,196 वर्ग किलोमीटर में किया गया और देश में पहली बार उत्सर्जन विज्ञान के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मशीन लर्निंग (एआइएमएल) के साथ संयुक्त ड्रोन Drone आधारित वीडियो और फोटो इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया गया।
राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान National Institute of Advanced Studies (एनआइएएस) ने अपने एक अध्ययन में बेंगलूरु Bengaluru शहरी जिले (बीयूडी) के भीतर ऐसे 80 हॉटस्पॉट की पहचान है, जहां सबसे घातक और प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 का प्रदूषण उत्सर्जन महत्वपूर्ण सीमा से अधिक है।
यह अध्ययन पूरे बीयूडी में 2,196 वर्ग किलोमीटर में किया गया और देश में पहली बार उत्सर्जन विज्ञान के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मशीन लर्निंग (एआइएमएल) के साथ संयुक्त ड्रोन Drone आधारित वीडियो और फोटो इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया गया।
एनआइएएस में चेयर प्रोफेसर आशुतोष मुखर्जी ने बताया कि 300 ड्रोन उड़ानें भरी गईं और वर्ष 2023-24 के लिए कण उत्सर्जन का स्थानिक भौगोलिक वितरण पहली बार 200 मिमी के अति सूक्ष्म रिजॉल्यूशन के साथ पूरा किया गया। अध्ययन के अनुसार इन 80 हॉटस्पॉट के प्रमुख स्रोत में औद्योगिक क्षेत्र, यातायात जंक्शन, निर्माण स्थल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं शामिल हैं। शीर्ष दस हॉटस्पॉट बागानीपुर, म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट (एमएसडब्ल्यू) प्रोसेसिंग प्लांट, सैंकी रोड, केसीडीसी, मेकरी सर्कल, बोम्मसंद्रा, मावलीपुर, जिगनी, शांतिनगर और वीरसंद्र थे। 10 हॉटस्पॉट में से छह परिवहन, एक औद्योगिक और तीन एमएसडब्ल्यू प्रोसेसिंग प्लांट हैं।
बीबीएमपी का उत्सर्जन योगदान 61 प्रतिशत
प्रो. मुखर्जी ने कहा कि पहले के अध्ययनों में बीबीएमपी क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया गया था और माध्यमिक डेटा का उपयोग किया गया था, जिसमें महत्वपूर्ण अनिश्चितता शामिल है और कई संभावित स्रोतों को भी नजरअंदाज कर दिया गया था। वर्तमान अध्ययन में पाया गया है कि पीएम PM 2.5 के लिए बीयूडी के लिए कुल वार्षिक कण उत्सर्जन 68.6 गीगाग्राम / वर्ष है और बीबीएमपी क्षेत्र के लिए यह आधार वर्ष 2023-24 के लिए 41.7 गीगाग्राम / वर्ष है। बीयूडी में बीबीएमपी का उत्सर्जन योगदान लगभग 61 प्रतिशत है।
परिवहन क्षेत्र प्रमुख योगदानकर्ता
परिवहन क्षेत्र पीएम 2.5 का सबसे प्रमुख योगदानकर्ता बनकर उभरा है। यह बीयूडी क्षेत्र में 39 प्रतिशत जबकि बीबीएमपी क्षेत्र में परिवहन की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत है। बीयूडी क्षेत्र में वाहनों के कुल बेड़े में दोपहिया वाहनों की संख्या 70 प्रतिशत है। यह भीड़ भाड़ का एक प्रमुख कारण है और यातायात को बाधित करते हैं। हालांकि दोपहिया वाहन पीएम 2.5 उत्सर्जन में 11 प्रतिशत योगदान देते हैं, इसके बाद कारों की संख्या 22 प्रतिशत है, लेकिन वे पीएम 2.5 उत्सर्जन में 20 प्रतिशत योगदान देते हैं। कपड़ा संयंत्र बीयूडी क्षेत्र में कुल उद्योगों का लगभग 22 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं जबकि उत्सर्जन में 44 प्रतिशत योगदान करते हैं। बीयूडी क्षेत्र में केवल 19 प्रतिशत उद्योग ही हीटिंग प्रक्रिया के लिए लकड़ी का उपयोग करते हैं। पीएम 2.5 उत्सर्जन का 51 प्रतिशत हिस्सा लकड़ी के दहन से होता है।
अध्ययन में कुछ सिफारिशें भी शामिल अध्ययन में कुछ सिफारिशें भी की गई हैं, जिनमें धीमी गति वाले वाहनों के लिए अलग लेन, बस बे बनाना, किफायती मेट्रो किराया उपलब्ध कराना, मेट्रो और समर्पित बस सेवा का एकीकरण, माध्यमिक और तृतीयक सडक़ों की नियमित सफाई और यांत्रिक सफाई की ओर संक्रमण शामिल हैं।
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