scriptदमोह कलेक्टर की अनूठी पहल: संकट के साथी नाम से बनवाया ऐप | People trapped in crisis will get all possible help, an army of 400 volunteers is ready- Unique initiative of Damoh Collector: Made an app named Sankat Ke Saathi | Patrika News
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दमोह कलेक्टर की अनूठी पहल: संकट के साथी नाम से बनवाया ऐप

संकट में फंसे लोगों को मिलेगी हर संभव मदद, 400 वॉलंटियर्स की सेना तैयार, -प्ले स्टोर से एप डाउन लोड कर मदद के लिए आगे आ रहे समाजसेवी…।

दमोहNov 19, 2024 / 08:44 pm

आकाश तिवारी

damoh news

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आकाश तिवारी

Damoh Collector news: हादसों, अपदाओं में जरुरतमंदों की मदद के लिए कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने एक अनूठी पहल की है, जो प्रदेश में एक मॉडल के रूप में लागू की जा सकती है। दरअसल, कलेक्टर कोचर ने जरूरतमंदों की मदद के लिए संकट के साथी, ऐप तैयार कराया है। ऐप से फिलहाल 400 वॉलंटियर जुड़ गए हैं। जिसमें एक दर्जन कैटेगरी भी बनाई गई हैं। यदि किसी को आर्थिक मदद करना है तो वह उस केटेगरी के विकल्प को चुन सकता है। किसी को गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए राशि देना है, तो उसके लिए अलग विकल्प है। बाहरी जिले के लोग भी जुड़कर दमोह जिले के लोगों की मदद कर सकते हैं।


-प्ले स्टोर से एप डाउनलोड कर जुड़ सकते हैं समाजसेवी

प्ले स्टोर से संकट के साथी एप डाउनलोड किया जा सकता है। जिसमें मददगारों की अलग-अलग कैटेगरी बनाई है। इसमें रक्तदान, आर्थिक सहायता, फल वितरण, राशन, सब्जियां, कपड़े, दूध, ठहरने की व्यवस्था, पढ़ाई का खर्च, पीने का पानी, वाहन, दवाएं और भोजन आदि केटेगरी शामिल है। अपना नाम और ईमेल आइडी देना होगी। इसके बाद किस कैटेगरी में आप जरुरतमंदों की मदद करना चाहते हैं। उस पर क्लिक करके फार्म सब्मिट कर सकते हैं।
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-मदद पहुंचना हुआ शुरु, कई को मिली राहत

इस एप से जुड़े वॉलंटियर्स ने राहत पहुंचाने का काम भी शुरू कर दिया है। दो महीने पहले समन्ना तिराहे पर हुए सड़क हादसे में एक ही परिवार के ९ लोगों की मौत हुई थी। बचे पीडि़त परिवारों को वॉलेंटियर्स द्वारा आर्थिक मदद और राशन सामग्री दी गई। कैंसर पीडि़त पिता की मौत के बाद अनाथ हुए बच्चों को वॉलंटियर्स ने बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा लिया।

-इन लोगों की होगी मदद

लोकसेवा प्रबंधक चक्रेश पटेल ने बताया कि यह ऐप सिर्फ उन लोगों की मदद के लिए बनाया गया है, जो अचानक किसी घटना से आहत हुए हैं। मसलन गंभीर सड़क हादसे में इलाज की जरूरत, खून की जरूरत, महामारी, अनाथ बच्चों की पढ़ाई लिखाई आदि। प्रबंधक पटेल ने बताया कि ऐप से जुड़े सदस्य ही पीडि़त की जानकारी डाल पाएंगे। कलेक्टर स्तर से जांच कराने के बाद संबंधित केटेगरी में उस मैसेज को शेयर किया जाएगा।
हमने संकट के साथी ऐप तैयार किया है। यह एप आपदा में फंसे लोगों की मदद करेगा। तुरंत मदद चाहने वालों के लिए 400 वॉलंटियर इससे जुड़ चुके हैं। इसमें सभी प्रकार की मदद की जाएगी। जो भी लोग मदद के लिए आगे आना चाहते हैं वह इस ऐप में जुड़ सकते हैं।
सुधीर कुमार कोचर, कलेक्टर दमोह

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