मुरसान और हिलसा से यह है कनेक्शन मुरसान क्रेटर 10 किलोमीटर चौड़ा है। यह लाल क्रेटर की पूर्वी रिम पर टिका है। इसका नाम उत्तर प्रदेश के मुरसान कस्बे पर इसलिए रखा गया, क्योंकि वहां पीआरएल के मौजूदा निदेशक डॉ. अनिल भारद्वाज का जन्म हुआ था। वह देश के नामी प्लैनेटरी साइंटिस्ट हैं। खोजकर्ताओं की टीम में शामिल डॉ. राजीव रंजन भारती का जन्म हिलसा (बिहार) पर हुआ था, इसलिए तीसरे क्रेटर का नाम ‘हिलसा’ रखा गया।
लाल क्रेटर के पूरे इलाके में लावा हिलसा क्रेटर भी 10 किलोमीटर चौड़ा है। यह लाल क्रेटर की पश्चिमी रिम पर ओवरलैप करता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि लाल क्रेटर का पूरा इलाका लावा से भरा है। हालांकि नासा के मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (एमआरओ) पर लगे उपकरण से पता चला था कि इस क्रेटर की सतह के नीचे 45 मीटर मोटी तलछट जमा है। इससे अनुमान जताया गया कि मंगल की सतह पर कभी पानी मौजूद था।