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बारीगढ़ और बड़ामलहरा में सीएम राइज स्कूल भवन का 60 से 70 फीसदी ही हुआ निर्माण, ठेकेदारों की लापरवाही से देरी

जिले के आठ सीएम राइज स्कूलों का निर्माण कार्य पहले चरण में स्वीकृत किया गया था, जिनका काम अप्रेल 2024 तक पूरा हो जाना था। हालांकि अब 2024 का शैक्षिक सत्र समाप्ति की ओर है, लेकिन इन स्कूलों का निर्माण कार्य अब भी अधूरा है।

छतरपुरJan 16, 2025 / 10:50 am

Dharmendra Singh

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सीएम राइज भवन नौगांव अभी तक हैडओवर नहीं हुआ

छतरपुर. जिले के आठ सीएम राइज स्कूलों का निर्माण कार्य पहले चरण में स्वीकृत किया गया था, जिनका काम अप्रेल 2024 तक पूरा हो जाना था। हालांकि अब 2024 का शैक्षिक सत्र समाप्ति की ओर है, लेकिन इन स्कूलों का निर्माण कार्य अब भी अधूरा है। जिनमें से बारीगढ़ और बड़ामलहरा में स्कूल भवनों का निर्माण केवल 60 से 70 फीसदी ही हुआ है। इसके कारण सीएम राइज स्कूलों में अध्ययन कर रहे छात्रों को पर्याप्त सुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

शुरुआत से ही हो रही देरी


जिले में सीएम राइज स्कूलों के लिए छतरपुर, नौगांव, बड़ामलहरा, बिजावर, चंदला, बारीगढ़, राजनगर और बकस्वाहा में भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। इन भवनों का निर्माण एमपीबीडीसी द्वारा किया जा रहा था। लेकिन ठेकेदारों द्वारा शुरूआत से ही निर्माण कार्य में लापरवाही बरती गई। स्थानीय निवासियों और प्रशासन से प्राप्त शिकायतों के बाद भी ठेकेदारों पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई, जिससे गुणवत्ता और समयसीमा दोनों पर असर पड़ा।

गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे


सीएम राइज स्कूलों के निर्माण कार्य में देरी की मुख्य वजह ठेकेदारों की लापरवाही और घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग है। बड़ामलहरा और बारीगढ़ में तो निर्माण कार्य शुरू ही देरी से हुआ था, जिससे इन भवनों के निर्माण में अब तक 60 से 70 फीसदी ही कार्य पूरा हो पाया है। ठेकेदारों द्वारा निर्धारित गुणवत्ता के मानकों का पालन न करने से कई स्थानों पर निर्माण सामग्री की गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में है।

बिजावर में हॉस्टल में चल रहा स्कूल


बिजावर में सीएम राइज स्कूल भवन का निर्माण कार्य करीब 80 फीसदी पूरा हो चुका है, लेकिन भवन का काम अधूरा होने के कारण अभी भी स्कूल का संचालन एक अस्थायी हॉस्टल में किया जा रहा है। यहां लगभग 737 छात्र अपनी पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, मॉडल स्कूल को सीएम राइज स्कूल में कनवर्ट न करने की विभागीय लापरवाही भी सामने आई है, जिसके कारण मॉडल स्कूल और सीएम राइज स्कूल दो अलग-अलग भवनों में संचालित होंगे, जबकि अन्य स्थानों पर मॉडल स्कूलों को ही सीएम राइज स्कूल में कनवर्ट किया गया है।

अधूरे निर्माण से पड़ रहा पढ़ाई पर प्रभाव


सीएम राइज स्कूलों के निर्माण में देरी का असर विद्यार्थियों की शिक्षा पर भी पड़ रहा है। छतरपुर और नौगांव में सीएम राइज स्कूल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन अन्य स्कूलों का निर्माण अभी भी धीमी गति से चल रहा है। ठेकेदारों की लापरवाही और प्रशासन की अनदेखी के कारण स्कूलों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। ये स्कूल छात्रों के लिए एक अच्छे शैक्षिक वातावरण का सपना दिखाते हैं, लेकिन इसके पूरा होने में और समय लग सकता है।

निर्माण कार्य में सुधार की आवश्यकता

निर्माण कार्य में हो रही देरी और गुणवत्ताहीन निर्माण सामग्री की वजह से विभागीय अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों को नोटिस जारी किए गए हैं। आगामी समय में ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसे मामले न हों। आरपी प्रजापति डीईओ छतरपुर ने कहा, दो स्कूलों का काम लगभग पूरा हो चुका है, जबकि अन्य 6 स्कूलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। हम शीघ्र ही निर्माण कार्य को पूर्ण करेंगे, ताकि आगामी शैक्षिक सत्र में बच्चों को सीएम राइज स्कूलों की सारी सुविधाएं मिल सकें।

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