Nagarnar Steel Plant: अगले दो महीनों में लग सकती हैं बोलियां
बताया जा रहा है कि एनएमडीसी और इस्पात मंत्रालय के अधिकारी यहां आकर प्लांट का असेसमेंट करने वाले है। इसी आधार पर प्लांट की हिस्सेदारी बेचने की कवायद शुरू होगी। हालांकि इसे लेकर अभी प्लांट के स्थानीय प्रबंधन ने कुछ भी नहीं कहा है।
चर्चा है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय
एनएमडीसी स्टील के लिए अगले दो महीनों में वित्तीय बोलियां आमंत्रित कर सकता है। एनएमडीसी स्टील में सरकार की 60.79 फीसदी हिस्सेदारी है और 39.21 फीसदी आम शेयरधारकों के पास है। बताया जा रहा है कि सरकार ने कंपनी में अपनी 50.79 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के साथ ही प्रबंधन का नियंत्रण भी छोड़ने का निर्णय किया है।
श्रमिक यूनियन विरोध की तैयारी में
Nagarnar Steel Plant: प्लांट के श्रमिक यूनियन ने निजीकरण का विरोध शुरू दिया है। बताया जा रहा है कि प्लांट में अफसरों के दौरे का भी विरोध होने वाला है। श्रमिक यूनियनों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में प्लांट को लेकर जो घटनाक्रम सामने आए हैं वह चिंतनीय हैं।(Nagarnar Steel Plant)
प्लांट बस्तर का है और उसेे किसी भी कीमत पर निजी हाथों में नहीं जाने दिया जाएगा। गुरुवार को भी श्रमिक यूनियन ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप निजीकरण की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है।
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एनएमडीसी ने रचा इतिहास
नगरनार स्टील प्लांट पहले ही साल में 50 फीसदी से ज्यादा हॉट मेटल का उत्पादन किया है। छत्तीसगढ़ का नगरनार एनएमडीसी स्टील प्लांट का ब्लास्ट फर्नेस देश के सबसे बड़े ब्लास्ट फर्नेस में से एक है।
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बस्तर ने साल 2003 में नगरनार स्टील प्लांट का सपना देखा था। यह सपना अब 20 साल के बाद साकार होने जा रहा है। तब तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने प्लांट की आधारशिला रखी थी।
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