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MP POLICE: ‘यमदूत’ बनकर दौड़ रहे वाहन, फिर भी तीन साल में महज 490 चालान

संसाधनों की कमी की वजह से यातायात पुलिस भी मजबूर

छिंदवाड़ाMay 09, 2024 / 11:58 am

ashish mishra

छिंदवाड़ा. वैसे तो जिले की यातायात व्यवस्था की हालत किसी से छिपी नहीं है। नियमों का पालन कराने में पुलिस महकमा किस कदर पस्त है, इसकी हकीकत सडक़ों पर यमदूत बनकर दौड़ रहे वाहनों को देखकर लगाया जा सकता है। खास बात यह है कि इसके सुधार के लिए जिले के अफसर हरसंभव प्रयास करने के दावे करते है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। जिले में शहर व नगरीय क्षेत्रों से होकर निकले हाइवे पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। जिसकी वजह तेज रफ्तार वाहन है। सडक़ हादसों में मौतों का ग्राफ लगातार बढऩे से साफ है कि यातायात नियमों का पालन नहीं हो रहा है। इसके बावजूद भी यातायात विभाग की कार्यवाही खानापूर्ति बनकर रह गई है। पुलिस ने शहरी क्षेत्र में विगत तीन वर्ष में गति सीमा का उल्लंघन कर वाहन चलाने वाले कुल 490 लोगों पर ही कार्यवाही की है। जबकि प्रतिदिन ऐसे सैकड़ों लोग मिल जाएंगे, जो अनियंत्रित गति से वाहन चलाते हैं। वर्ष 2021 में शहरी क्षेत्र में यातायात पुलिस ने 122 लोगों पर गति सीमा का उल्लंघन करते हुए पाया और चालान कर 155000 रुपए जुर्माना लिया। वहीं वर्ष 2022 में 230 लोगों पर कार्यवाही कर 246000 शुल्क वसूला। वर्ष 2023 में यातायात पुलिस ने शहरी क्षेत्र में 138 लोगों पर गति सीमा का उल्लंघन करने पर कार्यवाही की। हालांकि शासन स्तर पर भी कवायद केवल दिखावा बनकर रह गई है। संसाधनों की अभाव में पुलिस तेज रफ्तार पर लगाम नहीं लगा पा रही है। नतीजतन हादसों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इन दिनों यातायात पुलिस अभियान चला रही है, लेकिन अभियान कुछ ही जगह तक सीमित रह गया है। जानकारों का मानना है कि जिले में अगर हर विकासखंड में वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए काम होना चाहिए।
मॉडल रोड की योजना ठंडे बस्ते में
फरवरी 2024 में यातायात पुलिस ने वीआईपी मार्ग पर खजरी चौक से लेकर बस स्टैंड इंडियन कॉफी हाउस तक एक नवाचार किया था। इसमें अगर कोई वाहन चालक बगैर हेलमेट व सीट बेल्ट के मिलता है तो उसे समझाइश देकर वापस घर पहुंचाया गया। अभियान 15 दिनों तक चला। पुलिस के इस नवाचार की सब जगह सराहना हुई। पुलिस ने उस समय यही कहा था कि ऐसा नवाचार सभी सडक़ों पर किया जाएगा। शहर के बाहर भी चलेगा। हालांकि कुछ समय बाद यह नवाचार ठंडे बस्ते में चला गया।
गति नापने के लिए महज एक वाहन
शासन भी हादसों को रोकने के लिए प्रर्याप्त कदम नहीं उठा रही है। जिले में न ही प्रर्याप्त यातायात पुलिस कर्मी हैं और न ही संसाधन हैं। वाहन की रफ्तार नापने के लिए महज एक वाहन ही यातायात पुलिस के पास उपलब्ध है। पुलिस इस वाहन से एक समय में एक ही जगह चालानी कार्यवाही कर सकती है। ऐसे में पुलिस भी असहाय हो जाती है।
इनका कहना है…
वाहनों की रफ्तार ही अक्सर हादसे की वजह बनती है। लोगों को खुद ही जागरूक होना होगा। संसाधन जितने अधिक होंगे उतना अच्छा है। गति नापने के लिए विभाग के पास एक वाहन है। लगातार अभियान चलाकर कार्यवाही भी हो रही है और लोगों को समझाइश भी दे रहे हैं।
रामेश्वर चौबे, डीएसपी, यातायात पुलिस

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