दरअसल, फॉरेस्ट फायर सेफ्टी सेंटर की शक्ल में तो नहीं, लेकिन कुछ इससे ही मिलते जुलते प्रस्ताव उदयपुर वन विभाग की ओर से पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार को भेजे गए थे। जिसमें उदयपुर में अग्नि रोकथाम प्रशिक्षण केंद्र अर्थात फायर सेफ्टी सेंटर के लिए भी साठ लाख रुपए का प्रावधान था। कुल दस करोड़ रुपए के इन प्रस्ताव में ‘हाई लेवल ट्रेनिंग एंड मॉडर्न इक्वीपमेंट फॉर फायर प्रोटेक्शन’ के तहत जंगल की आग पर नियंत्रण के लिए विभिन्न कार्य किए जाने थे। ये प्रस्ताव संभाग के जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं पर रोकथाम के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उदयपुर में ही की गई घोषणा के तहत बनाए गए। जो फिलहाल राज्य सरकार के पास विचाराधीन है।
ये थे प्रस्ताव के प्रमुख बिंदु
- उदयपुर में अग्नि रोकथाम प्रशिक्षण केंद्र- आधुनिक अग्निशमन उपकरणों की प्रदर्शनी
- फायर फाइटिंग सेल अथवा कंट्रोल रूम निर्माण- उदयपुर, चित्तौड़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर में ग्रामीणों की कार्यशालाएं
- फायर बीटर्स, पॉवर ब्लोअर, प्रोटेक्टिव क्लॉथ जैसे उपकरणों की खरीद- वन क्षेत्रों में छह मीटर चौड़ी नई अग्नि पट्टिकाओं का निर्माण व पुरानी का रखरखाव
- संभाग के जंगलों में वॉच टॉवर के निर्माण- संवेदनशील वन क्षेत्रों में स्टाफ के लिए बैरक निर्माण
- अस्थायी फायर वाचर्स की नियुक्ति- अग्नि प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच के लिए जीप की खरीद
- अग्निशमन वाहन, ट्रेक्टर, टैंकर, पम्प आदि की खरीद
प्रदेश के सर्वाधिक वनाच्छादित जिलों में आग की घटनाओं पर एक नजर
जिला | 2022 | 2023 | 2024 (17 अप्रेल तक) | कुल घटनाएं |
उदयपुर | 1264 | 493 | 1256 | 3013 |
प्रतापगढ़ | 392 | 597 | 986 | 1975 |
बांसवाड़ा | 131 | 117 | 157 | 405 |
डूंगरपुर | 141 | 73 | 235 | 449 |
राजसमंद | 154 | 47 | 209 | 410 |
चित्तौड़गढ़ | 161 | 105 | 143 | 409 |
सिरोही | 185 | 37 | 60 | 282 |
पाली | 87 | 62 | 130 | 279 |
बारां | 149 | 202 | 59 | 412 |
बूंदी | 68 | 88 | 08 | 164 |
उदयपुर संभाग में जंगलों में आग की घटनाएं काफी अधिक होती हैं। इन पर नियंत्रण के लिए पूर्व में ‘हाई लेवल ट्रेनिंग एंड मॉडर्न इक्वीपमेंट फॉर फायर प्रोटेक्शन’ के प्रस्ताव सरकार को भिजवाए गए थे। जो अभी राज्य सरकार के पास विचाराधीन है।