सडक़, चौराहों और पार्कों को संवार रहे
महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज को सजाया जा रहा है। इसमें 38 प्रमुख मार्गों पर लैंडस्केपिंग, हॉर्टिकल्चर और थीमेटिक डेवलपमेंट का कार्य शामिल है। शहर के 40 चौराहों की री-डिजाइनिंग की जा रही है, और 67.5 किलोमीटर के मार्ग पर थीमेटिक लाइटिंग लगाई जा रही है। इसके अतिरिक्त, लगभग 374 पार्कों का जीर्णोद्धार, 316 किलोमीटर सडक़ मार्गों का नवीनीकरण, और 2.71 लाख पौधरोपण की योजना है। शहर की शोभा बढ़ाने के लिए चार प्रमुख मार्गों पर थीमेटिक गेट्स और लगभग 1470 साइनेज लगाए जाएंगे।
महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज को सजाया जा रहा है। इसमें 38 प्रमुख मार्गों पर लैंडस्केपिंग, हॉर्टिकल्चर और थीमेटिक डेवलपमेंट का कार्य शामिल है। शहर के 40 चौराहों की री-डिजाइनिंग की जा रही है, और 67.5 किलोमीटर के मार्ग पर थीमेटिक लाइटिंग लगाई जा रही है। इसके अतिरिक्त, लगभग 374 पार्कों का जीर्णोद्धार, 316 किलोमीटर सडक़ मार्गों का नवीनीकरण, और 2.71 लाख पौधरोपण की योजना है। शहर की शोभा बढ़ाने के लिए चार प्रमुख मार्गों पर थीमेटिक गेट्स और लगभग 1470 साइनेज लगाए जाएंगे।
रेलवे स्टेशनों पर क्राउड मैनेजमेंट का रोडमैप तैयार
मेले में करीब 10 करोड़ लोगों के ट्रेन से पहुंचने की उम्मीद है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे एनसीआर के प्रयागराज मंडल ने स्टेशनों पर क्राउड मैनेजमेंट को लेकर रोडमैप तैयार किया है। प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर लगभग 25,000 यात्रियों के ठहरने के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण अंतिम दौर में है। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज सिटी में 9 रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के आवागमन की तैयारियां चल रही हैं। रेलवे प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रति घंटे 50 हजार यात्रियों की दर से उनके गंतव्य स्टेशनों की ओर रवाना करने की योजना बनाई गई है।
मेले में करीब 10 करोड़ लोगों के ट्रेन से पहुंचने की उम्मीद है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे एनसीआर के प्रयागराज मंडल ने स्टेशनों पर क्राउड मैनेजमेंट को लेकर रोडमैप तैयार किया है। प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर लगभग 25,000 यात्रियों के ठहरने के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण अंतिम दौर में है। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज सिटी में 9 रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के आवागमन की तैयारियां चल रही हैं। रेलवे प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि महाकुंभ के दौरान प्रति घंटे 50 हजार यात्रियों की दर से उनके गंतव्य स्टेशनों की ओर रवाना करने की योजना बनाई गई है।
आश्रय स्थलों पर भी कलर कोडिंग
रेलवे स्टेशनों पर आश्रय स्थलों की भी कलर कोडिंग की जाएगी। मसलन, लखनऊ और बनारस जाने वाले यात्रियों को लाल रंग के आश्रय स्थल, कानपुर के लिए हरे रंग का, जबकि सतना, मानिकपुर, झांसी की ओर जाने वालों को पीले रंग के आश्रय स्थलों में ठहराया जाएगा। अलग-अलग स्टेशनों पर आश्रय स्थलों की कलर कोडिंग थोड़ी अलग-अलग भी है, जिसकी जानकारी स्टेशनों पर लगी रहेगी। शहर में ई-रिक्शा के लिए भी कलर कोडिंग की जाएगी।
रेलवे स्टेशनों पर आश्रय स्थलों की भी कलर कोडिंग की जाएगी। मसलन, लखनऊ और बनारस जाने वाले यात्रियों को लाल रंग के आश्रय स्थल, कानपुर के लिए हरे रंग का, जबकि सतना, मानिकपुर, झांसी की ओर जाने वालों को पीले रंग के आश्रय स्थलों में ठहराया जाएगा। अलग-अलग स्टेशनों पर आश्रय स्थलों की कलर कोडिंग थोड़ी अलग-अलग भी है, जिसकी जानकारी स्टेशनों पर लगी रहेगी। शहर में ई-रिक्शा के लिए भी कलर कोडिंग की जाएगी।