दोनों की एक जैसी कहानी
आयशा और नूरुन्निसा ने छोटी उम्र ही बीमारी के कारण दृष्टि गंवा दी थी। इसके बाद दोनों ने ग्रेजुएशन के लिए काफी चुनौतियां का सामना किया। आखिर मैजिक फिंगर्स ने उन्हें जीवन के अर्थ दिए। अब वे अपने क्षेत्र में पूरी तरह दक्ष हैं। इन्हें ‘मैजिक फिंगर्स’ इनिशिएटिव के तहत ब्रेस्ट कैंसर की गांठ और संभावित खतरों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान पुतलों का प्रयोग किया जाता है।
आयशा और नूरुन्निसा ने छोटी उम्र ही बीमारी के कारण दृष्टि गंवा दी थी। इसके बाद दोनों ने ग्रेजुएशन के लिए काफी चुनौतियां का सामना किया। आखिर मैजिक फिंगर्स ने उन्हें जीवन के अर्थ दिए। अब वे अपने क्षेत्र में पूरी तरह दक्ष हैं। इन्हें ‘मैजिक फिंगर्स’ इनिशिएटिव के तहत ब्रेस्ट कैंसर की गांठ और संभावित खतरों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान पुतलों का प्रयोग किया जाता है।
विकल्प के रूप में उभरी है मैजिक फिंगर्स
साइटकेयर हॉस्पिटल्स में ब्रेस्ट ऑन्कोलॉजी की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पूवम्मा कहती हैं कि भारत में दृष्टिबाधित लोगों को विज्ञान के क्षेत्र में स्वीकार नहीं किया जाता, लेकिन मैजिक फिंगर्स जैसी पहल चिकित्सा के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए एक विकल्प के रूप में उभरी है। मैजिक फिंगर्स का उद्देश्य स्तर कैंसर की शुरुआती अवस्था की पहचान करना है। इसके लिए आमतौर पर महिलाएं जांच के लिए देर कर देती हैं।
साइटकेयर हॉस्पिटल्स में ब्रेस्ट ऑन्कोलॉजी की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पूवम्मा कहती हैं कि भारत में दृष्टिबाधित लोगों को विज्ञान के क्षेत्र में स्वीकार नहीं किया जाता, लेकिन मैजिक फिंगर्स जैसी पहल चिकित्सा के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए एक विकल्प के रूप में उभरी है। मैजिक फिंगर्स का उद्देश्य स्तर कैंसर की शुरुआती अवस्था की पहचान करना है। इसके लिए आमतौर पर महिलाएं जांच के लिए देर कर देती हैं।