कपड़े और इलेक्ट्रानिक सामानों खरीदी
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कपड़ा और इलेक्ट्रानिक व्यापार में धूम देखी जा रही है। बाजारों में चाइनीज सामानों की तर्ज पर विभिन्न प्रकार की एलईडी लाइट दुकानों में दिखाई दी। जिन्हें बड़ी संख्या में लोगों ने खरीदारी की। इलेक्ट्रानिक्स दुकान में चाइना सिरीज, बल्ब और लेदर लाइट सहित अन्य सामान की बिक्री अच्छी हुई। इसी तरह कपड़ा व्यापार में भी उछाल देखा गया। स्थानीय लोगों सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र से आए लोगों ने अपने परिवार के लोगों के लिए कपड़ों की खरीदारी की।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कपड़ा और इलेक्ट्रानिक व्यापार में धूम देखी जा रही है। बाजारों में चाइनीज सामानों की तर्ज पर विभिन्न प्रकार की एलईडी लाइट दुकानों में दिखाई दी। जिन्हें बड़ी संख्या में लोगों ने खरीदारी की। इलेक्ट्रानिक्स दुकान में चाइना सिरीज, बल्ब और लेदर लाइट सहित अन्य सामान की बिक्री अच्छी हुई। इसी तरह कपड़ा व्यापार में भी उछाल देखा गया। स्थानीय लोगों सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र से आए लोगों ने अपने परिवार के लोगों के लिए कपड़ों की खरीदारी की।
मंहगे हुए पटाखे, घटी बिक्री
शहर के उत्कृष्ट स्कूल मैदान में धनतेरस के दिन से पटाखों की दुकान लग गई है। इस वर्ष 80 से अधिक दुकानें लगी है। इसके अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों में भी पटाखा की दुकाने हंै। पुराने पटाखों के अलावा इस वर्ष फैंसी आयटम भी है, जिसमें पैराशुट बम, फ्लावर, फुलझड़ी सहित अन्य शामिल है। पटाखों के मूल्य गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शायद यही वजह है कि पटाखों का व्यापार मंदा होने की बात व्यापारियों ने बताई। पटाखे को छोडकऱ बाकी व्यवसाय में उछाल देखा गया।
शहर के उत्कृष्ट स्कूल मैदान में धनतेरस के दिन से पटाखों की दुकान लग गई है। इस वर्ष 80 से अधिक दुकानें लगी है। इसके अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों में भी पटाखा की दुकाने हंै। पुराने पटाखों के अलावा इस वर्ष फैंसी आयटम भी है, जिसमें पैराशुट बम, फ्लावर, फुलझड़ी सहित अन्य शामिल है। पटाखों के मूल्य गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शायद यही वजह है कि पटाखों का व्यापार मंदा होने की बात व्यापारियों ने बताई। पटाखे को छोडकऱ बाकी व्यवसाय में उछाल देखा गया।
दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त
नर्मदा नगर स्थित ग्रहयोग भवन के ज्योतिषाचार्य प्रो डॉ अरविन्द तिवारी के अनुसार बालाघाट, जबलपुर, भोपाल, उज्जैन और बनारस अन्य स्थानों से प्रकाशित पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर 2024 गुरुवार को अमावस्या तिथि प्रारंभ होकर 1 नवंबर 2024 को शाम समाप्त हो रही है। प्रदोष काल और रात्रि में अमावस्या तिथि और वृषभ लग्न तथा सिंह लग्न 31 अक्टूबर 2024 को अमावस्या तिथि में विद्यमान है। 1 नवंबर को वृषभ लग्न और सिंह लग्न में अमावस्या तिथि उपलब्ध नहीं होने से 1 नवंबर शुक्रवार को दीपावली नहीं मनाएंगे। भारत के कुछ पश्चिम क्षेत्र में 1 नवंबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि उपलब्ध होने से शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन और दीपावली मनाई जाएगी। क्योंकि दीपावली सायंकाल और रात्रिकालीन अमावस्या में ही शास्त्र सम्मत है, इसलिए भारत के पूर्वी और मध्य क्षेत्र में दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाएंगे और शुभ मुहूर्त में पूजा करेंगे।
31 अक्टूबर को दिन में तीन बजे के बाद अमावस्या तिथि है। इसलिए जो लोग अमावस्या तिथि को दिन के कुंभ लग्न में लक्ष्मी पूजा करते हैं, तो एक नवंबर को शुभ मुहूर्त में केवल लक्ष्मी पूजा करेंगे। दीपों का पर्व दीपावली नहीं। दीपावली केवल 31 अक्टूबर को ही मनाएंगे। लक्ष्मी पूजा स्थिर लग्न, वृष, सिंह और कुम्भ लग्न में की जाती है और चलते व्यापार में तुला लग्न में परंपरा के अनुसार लक्ष्मी पूजन किया जाता है।
नर्मदा नगर स्थित ग्रहयोग भवन के ज्योतिषाचार्य प्रो डॉ अरविन्द तिवारी के अनुसार बालाघाट, जबलपुर, भोपाल, उज्जैन और बनारस अन्य स्थानों से प्रकाशित पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर 2024 गुरुवार को अमावस्या तिथि प्रारंभ होकर 1 नवंबर 2024 को शाम समाप्त हो रही है। प्रदोष काल और रात्रि में अमावस्या तिथि और वृषभ लग्न तथा सिंह लग्न 31 अक्टूबर 2024 को अमावस्या तिथि में विद्यमान है। 1 नवंबर को वृषभ लग्न और सिंह लग्न में अमावस्या तिथि उपलब्ध नहीं होने से 1 नवंबर शुक्रवार को दीपावली नहीं मनाएंगे। भारत के कुछ पश्चिम क्षेत्र में 1 नवंबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि उपलब्ध होने से शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन और दीपावली मनाई जाएगी। क्योंकि दीपावली सायंकाल और रात्रिकालीन अमावस्या में ही शास्त्र सम्मत है, इसलिए भारत के पूर्वी और मध्य क्षेत्र में दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाएंगे और शुभ मुहूर्त में पूजा करेंगे।
31 अक्टूबर को दिन में तीन बजे के बाद अमावस्या तिथि है। इसलिए जो लोग अमावस्या तिथि को दिन के कुंभ लग्न में लक्ष्मी पूजा करते हैं, तो एक नवंबर को शुभ मुहूर्त में केवल लक्ष्मी पूजा करेंगे। दीपों का पर्व दीपावली नहीं। दीपावली केवल 31 अक्टूबर को ही मनाएंगे। लक्ष्मी पूजा स्थिर लग्न, वृष, सिंह और कुम्भ लग्न में की जाती है और चलते व्यापार में तुला लग्न में परंपरा के अनुसार लक्ष्मी पूजन किया जाता है।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
31 अक्टूबर को वृष लग्न में सायंकाल 06.28 बजे से रात्रि 08.26 के बीच। या रात्रि में 12.55 से 03.11 मिनट तक सिंह लग्न में। 1 नवंबर को व्यापार प्रतिष्ठान में श्री गणेश, लक्ष्मी और कुबेर पूजन के लिए दिन में 01.40 मिनट से 03.14 मिनट के बीच कुम्भ लग्न में पूजा की जा सकती है।
31 अक्टूबर को वृष लग्न में सायंकाल 06.28 बजे से रात्रि 08.26 के बीच। या रात्रि में 12.55 से 03.11 मिनट तक सिंह लग्न में। 1 नवंबर को व्यापार प्रतिष्ठान में श्री गणेश, लक्ष्मी और कुबेर पूजन के लिए दिन में 01.40 मिनट से 03.14 मिनट के बीच कुम्भ लग्न में पूजा की जा सकती है।