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किड्स कॉर्नर: चित्र देखो कहानी लिखो 5 …. बच्चों की लिखी रोचक कहानियां

परिवार परिशिष्ट (6 नवंबर 2024) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 5 में भेजी गई कहानियों में अयान माथुर, नितिन सोलंकी और ट्विंकल मुहाल क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेता रहे।

जयपुरNov 15, 2024 / 01:21 pm

sangita chaturvedi

किड्स कॉर्नर: चित्र देखो कहानी लिखो 5

परिवार परिशिष्ट (6 नवंबर 2024) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 5 में भेजी गई कहानियों में अयान माथुर, नितिन सोलंकी और ट्विंकल मुहाल क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेता रहे। इनके साथ सराहनीय कहानियां भी दी जा रही हैं।
जंगल की दौड़
एक जंगल में एक चीता, एक मुर्गा और एक मेंढक रहता था। तीनों स्वभाव से एकदम अलग थे, पर गहरी दोस्ती थी। एक दिन उन्होंने निर्णय लिया कि वे मिलकर अपनी बुद्धि और ताकत का उपयोग करके कोई साहसिक कार्य करेंगे। चीता तेज दौड़ सकता था। मुर्गा जोर से आवाज निकाल सकता था और मेंढक ऊं चा कू द सकता था। उन्होंने सोचा इन सभी गुणों को मिलाकर वे जंगल में एक नया खेल तैयार करेंगे। इस खेल का नाम रखा जंगल की दौड़।
खेल में सबसे पहले चीता दौड़ता और मुर्गा उसकी गति के हिसाब से जोर-जोर से आवाज करता ताकि सबको पता चले कि दौड़ जारी है। फिर जब कोई नदी आती, तो मेंढक उछल-उछल कर रास्ता दिखाता। तीनों ने मिलकर खेल को इतना मजेदार बना दिया कि जंगल के और जानवर भी इसे देखने लगे। सभी खुश हुए। यह कहानी हमें सिखाती है कि चाहे हम कितने भी अलग हों, मिलकर काम करें, तो कुछ अच्छा कर सकते हैं। बस हमारी सोच अच्छी होनी चाहिए।
अयान माथुर ,उम्र- 8 वर्ष
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हर जीव का महत्त्व
एक बार की बात है। एक घने जंगल में एक तेंदुआ रहता था। वह अपनी ताकत और शिकार के लिए मशहूर था। एक दिन वह जंगल में घूम रहा था। तभी एक मधुमक्खी उसके ऊपर आकर बैठ गई और बोली, ‘तुम अपनी ताकत पर गर्व करते हो, लेकिन हम छोटे जीव भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। तभी वहां एक मुर्गा और मेंढक भी आ गए। मुर्गा बोला, ‘तेंदुए भाई, हम भी अपनी-अपनी तरह से जंगल में योगदान देते हैं।
मैं सुबह-सुबह सबको जगाता हूं और मेंढक यहां के कीड़ों को खाकर जंगल को स्वच्छ रखता है। मधुमक्खी ने कहा, ‘और मेरी वजह से जंगल हरा-भरा रहता है। मैं परागण ले जाती हूं। तेंदुए ने उनकी बातें ध्यान से सुनीं और महसूस किया कि वह केवल अपनी ताकत पर गर्व करता है, लेकिन जंगल में हर जीव का अपना महत्त्व है। उसने सबसे माफी मांगी और कहा, ‘तुम सभी सच कह रहे हो, बिना तुम्हारे जंगल का संतुलन बिगड़ जाएगा। इस प्रकार तेंदुए ने सीख ली कि हर जीव महत्त्वपूर्ण है और उसने सभी का सम्मान करना शुरू कर दिया। सब हिल-मिलकर रहने लगे। तेंदुआ सभी जानवरों की मदद करने लगा।
– नितिन सोलंकी, उम्र 13 वर्ष
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अनोखी दोस्ती
एक बार एक जंगल में अनोखी दोस्ती हुई। एक युवा बाघ, जिसकी धारियां चांदनी की तरह मुलायम थीं, एक बुद्धिमान बूढ़े मेंढक से मिला, जो शांत तालाब के किनारे रहता था। जारा नाम की बाघिन अपने कोमल हृदय और जिज्ञासु स्वभाव के लिए जानी जाती थी। एल्डर रिबिट नाम का मेंढक अपनी बुद्धि और शांत स्वभाव के लिए पूजनीय था। एक दिन उनकी राहें तब मिलीं जब जारा खोजबीन करते हुए एल्डर रिबिट के तालाब पर पहुंची। उत्सुकता से जारा तालाब के किनारे बैठी जंगल के मेंढक की कहानियां सुनने लगी। एल्डर रिबिट ने प्राचीन पेड़ों, चंचल बंदरों और हवा के गीत गाने वाले बुद्धिमान पक्षियों की कहानियां साझा कीं। बदले में जारा ने अपने रोमांच, अपने शिकार के बारे में बताया।
हर गुजरते दिन के साथ उनकी दोस्ती बढ़ती गई। वे तालाब के किनारे मिलते। कहानियां सुनाते, हंसी-मजाक और ज्ञान साझा करते। एक दिन जब वे तालाब के किनारे बैठे थे, एक तितली उनके चारों ओर उड़ रही थी। उसके पंख रत्नों की तरह चमक रहे थे। जारा ने बच्चों की तरह आश्चर्य से उसे पकडऩे की कोशिश की, लेकिन तितली बहुत तेज थी। एल्डर रिबिट ने देखा, तितली खुशी की तरह है। तुम उसे पकड़ नहीं सकते, लेकिन अगर तुम स्थिर और धैर्यवान रहो, तो वह तुम्हारे पास आ सकती है। जारा ने उसके शब्दों पर विचार किया और चुपचाप बैठ कर तितली को देखती रही। उसे आश्चर्य हुआ जब तितली उसकी नाक पर आकर बैठ गई, उसके नाजुक पंख उसे गुदगुदा रहे थे। जारा और एल्डर रिबिट ने दिखाया कि दोस्ती का रिश्ता अनूठा होता है।
-ट्विंकल मुहाल, उम्र-12 वर्ष
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जंगल की शिक्षा
जंगल में एक शक्तिशाली बाघ रहता था, जिससे जानवर डरते थे। एक दिन एक मधुमक्खी उसके ऊपर आकर बैठ गई। बाघ ने सोचा कि वह उसे मार देगा, लेकिन मधुमक्खी ने कहा, ‘मैं तुम्हारी त्वचा पर बैठी हूं, लेकिन मैं तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगी। मैं तुम्हें एक सबक सिखाना चाहती हूं। ‘मधुमक्खी ने कहा, ‘तुम्हारी ताकत तुम्हें शक्तिशाली बनाती है, लेकिन यह तुम्हें अहंकारी भी बना सकती है। तुम्हें यह याद रखना चाहिए कि हर जीव की अपनी महत्ता है और तुम्हें उनका सम्मान करना चाहिए। उसी समय एक मुर्गा और एक मेंढक पास से गुजर रहे थे।
मुर्गे ने बाघ से कहा, ‘मैं तुम्हारी ताकत का सम्मान करता हूं, लेकिन मैं अपनी चतुराई से जंगल में अपना जीवन बनाता हूं। मेंढक ने भी कहा, ‘मैं तुम्हारी ताकत का सम्मान करता हूं, लेकिन मैं अपनी चपलता से जंगल में अपना जीवन बनाता हूं। बाघ ने मधुमक्खी, मुर्गे और मेंढक की बात सुनी और उसने अपने व्यवहार में बदलाव किया। वह अब जंगल के अन्य जानवरों के साथ मित्रता करने लगा और उनका सम्मान करने लगा। इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि ताकत और शक्ति के साथ-साथ हमें दूसरों का सम्मान करना चाहिए और उनकी महत्ता को समझना चाहिए।
– इप्शिता जैन, उम्र- 13 वर्ष
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जंगल के नायक
एक घने जंगल में एक बहादुर तेंदुआ था, जिसका नाम था लेओ। उसके दोस्त थे एक मुर्गा, जिसका नाम रॉकी था और एक मेंढक, जिसका नाम फ्रॉडी था। लेओ को जंगल में घूमना पसंद था, रॉकी सबको जगाता था और फ्रॉडी तालाब के पास बैठे-बैठे जंगल की बातें ध्यान से सुनता रहता था। एक दिन जंगल में मधुमक्खियां उड़ती हुई आईं और उन्होंने बताया कि जंगल के अंदर एक जादुई फूल है, जो साल में एक बार खिलता है। इस फूल को छूने से ताकत और बुद्धिमानी मिलती है। यह सुनकर लेओ, रॉकी और फ्रॉडी ने उस फूल को ढूंढने का निश्चय किया।
यात्रा के दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कभी नदी पार करनी पड़ी, तो कभी अंधेरी गुफा से गुजरना पड़ा। लेओ ने अपनी ताकत से रास्ता बनाया, रॉकी ने अपनी तेज नजर से रास्ते की मुसीबतें देखीं और फ्रॉडी ने अपनी समझदारी से उन्हें सुरक्षित रखा। तीनों ने एक-दूसरे की मदद की और मिलकर सभी मुश्किलें पार कर लीं। आखिरकार वे उस जादुई फूल तक पहुंच गए। तीनों ने फूल को छुआ और उनमें एक नई ऊर्जा और ज्ञान का संचार हुआ। वे जब वापस लौटे, तो जंगल के सारे जानवर उनकी बहादुरी की कहानियां सुनने के लिए इंतजार कर रहे थे। अब वे सिर्फ दोस्त नहीं, बल्कि जंगल के नायक बन चुके थे। शिक्षा यह मिलती है कि सच्ची मित्रता और एकता से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।
– मोदी, उम्र- 9 वर्ष
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सच्चा राजा
एक हरे-भरे जंगल में तेंदुआ, मुर्गा, मेंढक और कुछ प्यारी मधुमक्खियां रहती थीं। एक दिन सब मिलकर खेल रहे थे कि तेंदुआ मजाक में बोला, ‘मैं सबसे ताकतवर हूं, इसलिए जंगल का राजा भी मैं ही हूं! ‘तभी छोटी मधुमक्खी, जिसका नाम मुनमुन था, हंसते हुए बोली, ‘अरे तेंदुआ भाई, राजा तो वही बनता है जो सबसे होशियार हो और सबकी मदद करता हो। चलो एक खेल खेलते हैं। जो जीतेगा वही जंगल का राजा बनेगा! सभी जानवर मान गए। पहले मुर्गा जोर-जोर से बांग देकर सभी को उठाने लगा। फिर मेंढक ने लंबी छलांग लगाई और एक पेड़ के ऊपर से कूद गया।
लेकिन तेंदुआ सोच में पड़ गया कि उसे क्या करना चाहिए। तभी मुनमुन मधुमक्खी उसके पास आई और बोली, ‘तुम्हें हमें बचाकर दिखाना होगा, तभी तुम सच्चे राजा बनोगे। अचानक एक तूफान आया और सभी जानवर डर गए। तेंदुए ने अपनी ताकत का इस्तेमाल किया और पेड़ों की शाखाओं से घर बना दिया ताकि सभी सुरक्षित रह सकें। तेंदुए ने साबित कर दिया कि वह सबकी मदद कर सकता है। तूफान के बाद सभी जानवर खुश हुए और मिलकर बोले, ‘तुम ही हमारे सच्चे राजा हो, तेंदुआ भाई! इस तरह तेंदुआ समझ गया कि सच्चा राजा वही होता है जो दूसरों की मदद करे और उनका खयाल रखे।
रितिका कोरी, उम्र – 5 साल
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अच्छे दोस्त
एक गांव में एक बाघ, मधुमक्खी, एक मुर्गी और एक मेंढक रहते थे। वे अच्छे दोस्त नहीं थे। बाघ को किसी से प्यार नहीं था, लेकिन बाकी जानवर फिर भी उसका साथ देते थे। एक दिन जंगल में शिकारी आए। बाघ उनके जाल में फंस गया। शिकारी जब उसे ले जाने लगे, तो बाकी जानवर दुखी हुए और शिकारी से मनुहार करने लगे।
इसे आजाद कर दो। हमें ले जाओ, लेकिन इसे छोड़ दो। उन तीनों की बात सुनकर शिकारी ने बाघ को आजाद कर दिया और तब बाघ को अपनी गलती का अहसास हुआ और उनका दोस्त बन गया। वह समझ गया कि मिलजुलकर रहने में ही भलाई है।
तरुण कुमार यादव, उम्र- 10 वर्ष
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मुसीबत में काम आए दोस्त
एक बार की बात है। एक जंगल में एक मुर्गा, एक मेंढक और मधुमक्खियां रहती थीं। सब बहुत अच्छे दोस्त थे। साथ-साथ रहते थे। एक दिन उनके जंगल में बाहर से एक तेंदुआ आ गया और उन्हें परेशान करने लगा।
मुर्गे ने यह बात दोस्त मधुमक्खियों को बताई और तभी मधुमक्खियों ने तेंदुए पर एक साथ मिलकर हमला कर दिया। तेंदुआ जोर से चिल्लाने लगा और अपनी जान बचाने के लिए भागने लगा। मधुमक्खियों ने तेंदुए को जंगल से बाहर भगा दिया और अच्छा सबक सिखाया। दोस्त मुसीबत में काम आते हैं। सभी को एक-दूसरे का साथ देना चाहिए।
आराध्या शुक्ला, उम्र- 9 साल
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सबकी खुशी
एक घने जंगल में एक शक्तिशाली बाघ आराम कर रहा था। उसके ऊपर मधुमक्खियां मंडरा रही थीं। वे उसकी ताकत और सौंदर्य को देखकर आश्चर्यचकित थीं। बाघ के आसपास दो और मक्खियां उड़ रही थीं, जो उसके शक्तिशाली शरीर को देखकर डर रही थीं। लेकिन बाघ ने उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, क्योंकि वह एक न्यायप्रिय जानवर था।
तभी एक मुर्गा और एक मेंढक वहां आए। मुर्गे ने बाघ को देखकर कहा, ‘आप इतने शक्तिशाली हैं, लेकिन आप हमें क्यों नहीं नुकसान पहुंचाते? बाघ ने मुर्गे को देखकर कहा, ‘मैं एक न्यायप्रिय जानवर हूं, मैं उसे नुकसान नहीं पहुंचाता जो मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। मेंढक ने भी बाघ की बात सुनी और कहा, ‘आप सचमुच महान हैं। सभी खुशी-खुशी वहां रहने लगे।
दिव्यांशु मीना, उम्र – 9 वर्ष
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तेंदुए की मूर्खता
एक समय की बात है। सुंदरवन नाम का एक घना जंगल था। जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे। उन जानवरों में एक तेंदुआ भी था। एक दिन वह तेंदुआ बहुत भूखा था। जब वह भोजन की तलाश में जा रहा था, तो उसे रास्ते में एक मुर्गी, मेंढक और कुछ मधुमक्खियां दिखाई दीं।
उसने सोचा मधुमक्खियां खाऊंगा, तो पेट में जाकर गुदगुदी करेंगी। मेंढक पेट में उछलकूद करेगा। फिर उसका ध्यान मुर्गी की ओर जाता है। जैसे ही मुर्गी को खाने के लिए उसकी तरफ बढ़ता है, तो मुर्गी भाग जाती है। फिर वह सोचता है क्यों न मेंढक को खा लूं। तब तक मेंढक भी छिप जाता है। उसके हाथ कुछ भी नहीं आता।
जयम नागदा, उम्र- 9 वर्ष

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