परिवार परिशिष्ट (1 जनवरी 2025) के पेज 4 पर किड्स कॉर्नर में चित्र देखो कहानी लिखो 12 में भेजी गई कहानियों में कृतार्थ भंडारी, नैतिक सिंह सैनी और अंश वशिष्ठ क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेता रहे। इनके साथ सराहनीय कहानियां भी दी जा रही हैं।
टीमवर्क से मिली सफलता
एक हरे-भरे जंगल में बंदरों का एक झुंड रहता था। वे हर दिन उछल-कूद और मस्ती में समय बिताते थे। एक दिन बंदरों ने एक बड़े फलदार पेड़ को खोज निकाला। पेड़ पर लाल-लाल मीठे फल लटके हुए थे। सभी बंदर खुशी-खुशी फल खाने लगे। पास ही एक झाड़ी में एक बड़ा सांप छिपा हुआ था। वह भूखा था और शिकार की तलाश में था। जैसे ही उसने बंदरों को देखा, वह धीरे-धीरे उनकी ओर बढऩे लगा। पेड़ के नीचे खड़ा एक बंदर, छोटू सबसे ज्यादा सतर्क था। उसने सांप को झाड़ी से बाहर आते हुए देखा। छोटू ने तुरंत जोर से चिल्लाकर सबको सावधान किया, सांप! सांप!
एक हरे-भरे जंगल में बंदरों का एक झुंड रहता था। वे हर दिन उछल-कूद और मस्ती में समय बिताते थे। एक दिन बंदरों ने एक बड़े फलदार पेड़ को खोज निकाला। पेड़ पर लाल-लाल मीठे फल लटके हुए थे। सभी बंदर खुशी-खुशी फल खाने लगे। पास ही एक झाड़ी में एक बड़ा सांप छिपा हुआ था। वह भूखा था और शिकार की तलाश में था। जैसे ही उसने बंदरों को देखा, वह धीरे-धीरे उनकी ओर बढऩे लगा। पेड़ के नीचे खड़ा एक बंदर, छोटू सबसे ज्यादा सतर्क था। उसने सांप को झाड़ी से बाहर आते हुए देखा। छोटू ने तुरंत जोर से चिल्लाकर सबको सावधान किया, सांप! सांप!
उसकी आवाज सुनकर सभी बंदर सतर्क हो गए। कुछ बंदर पेड़ पर चढ़ गए, तो कुछ दूर भाग गए। लेकिन सांप ने हार नहीं मानी और पेड़ के तने पर चढऩे की कोशिश करने लगा। छोटू ने तुरंत एक योजना बनाई। उसने दूसरे बंदरों से कहा, फलों को नीचे फेंको और सांप पर हमला करो। सभी बंदरों ने फलों को तोड़कर सांप पर फेंकना शुरू किया। फलों की मार से घबराकर सांप भाग गया। छोटू की समझदारी और टीम वर्क से सभी बंदर बच गए। उस दिन से बंदरों ने मिलकर हर खतरे का सामना करने की कसम खाई। शिक्षा मिलती है कि टीमवर्क से सफलता हासिल होती है।
–कृतार्थ भंडारी, उम्र 12वर्ष
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. जगंल की दुनिया
एक वन में बहुत सारे बंदर रहते थे। उसी वन में बहुत सारे हिरण का झुंड भी रहता था। उस जंगल से थोड़ी दूरी पर एक अजगर रहता था । वह किसी को कोई नुकसान नही पहुंचाता था। वे बंदर बहुत शरारती थे। एक दिन घूमते हुए उन बंदरों को वह अजगर दिखाई दिया। पहले तो वे सब बंदर उसे देखकर डर गए। उन्होंने देखा कि वह अजगर उन्हें देखकर भी कुछ नहीं कर रहा। उनमें से एक बंदर को शरारत सूझी। उसने पत्थर उठा कर उस अजगर को मारना शुरू किया। बेचारे अजगर ने उन्हें कुछ नहीं किया। थोड़ी देर बाद बंदर खुद वहां से चले गए।
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. जगंल की दुनिया
एक वन में बहुत सारे बंदर रहते थे। उसी वन में बहुत सारे हिरण का झुंड भी रहता था। उस जंगल से थोड़ी दूरी पर एक अजगर रहता था । वह किसी को कोई नुकसान नही पहुंचाता था। वे बंदर बहुत शरारती थे। एक दिन घूमते हुए उन बंदरों को वह अजगर दिखाई दिया। पहले तो वे सब बंदर उसे देखकर डर गए। उन्होंने देखा कि वह अजगर उन्हें देखकर भी कुछ नहीं कर रहा। उनमें से एक बंदर को शरारत सूझी। उसने पत्थर उठा कर उस अजगर को मारना शुरू किया। बेचारे अजगर ने उन्हें कुछ नहीं किया। थोड़ी देर बाद बंदर खुद वहां से चले गए।
बंदर जंगल में जाकर ये सारी घटना हिरणों को सुनाते हैं। हिरण समझदार थे। उन्होंने कहा ये तुमने क्या किया अगर अजगर को गुस्सा आ गया तो वह तुम्हें खा जाएगा। तब बंदरों ने हंसते हुए कहा, उसे हमारे घर का कुछ पता नहीं है। हिरण ने कहा अब उस अजगर के पास भूल से भी मत जाना। बंदरों से उन्हें नजरअंदाज कर दिया। एक दिन बंदर शांत चुप चाप बैठे थे। उन्हें शरारत सूझी। उन्होंने सोचा क्यों न उस अजगर के पास जाकर वापस परेशान किया जाए। सभी बंदरों ने हामी भर दी। यह सारी बातें हिरण के झुंड ने सुन लीं। बंदर वापस उस अजगर को परेशान करने चले गए। इस बार एक लंबा सा कपड़ा लिया और उस अजगर के ऊपर डाल दिया। बेचारा अजगर कपड़े में से निकलने के लिए छटपटाने लगा। बंदर उसे देखकर हंसने लगे। यह सारी घटना हिरण देख रहे थे। उन्हें बहुत दुख हुआ। बहुत देर बाद अजगर उस कपड़े में से निकल गया। बंदर वहां से चले गए। हिरण अजगर के पास आए और उससे बंदरों को सबक सिखाने के लिए कहा।
अजगर भी बंदरों से परेशान हो गया था। उसने भी हां बोल दी। थोड़े दिन बाद अजगर मौका पाकर जब बंदर फलों का मजा ले रहे थे तब अचानक वहां जाकर तहलका मचा दिया। सारे बंदर इधर-उधर डरकर भागने लगे। तभी अजगर ने एक बंदर के बच्चे को अपनी पूंछ में पकड़ लिया और वह उसे खाने ही जा रहा था कि बंदरों ने उससे निवेदन किया कि वह उस बच्चे को छोड़ दे। अजगर ने कहा कि वह उसे तभी छोड़ेगा, जब वे उसे वचन दें कि वे बिना वजह किसी को परेशान नहीं करेंगे। बंदरों ने उसे वचन दे दिया। अजगर ने उस बंदर के बच्चे को छोड़ दिया और वहां से चला गया। यह सारी घटना हिरण भी देख रहे थे। वह यह सब देखकर बहुत खुश हुए। उस दिन के बाद से सभी हिल-मिलकर रहने लगे।
–नैतिक सिंह सैनी, उम्र 12वर्ष ………………………………………………………………………………………………………………………………………………………… बंदर और हिरण की दोस्ती
एक बड़े से पेड़ पर बहुत सारे बंदर रहते थे। वे पेड़ पर उछल-कूद करते, आम खाते और एक-दूसरे के साथ खेलते थे। पेड़ के नीचे घास में एक हिरण आराम से लेटा हुआ था। हिरण और बंदर अच्छे दोस्त थे। वे अक्सर एक-दूसरे से मिलकर बातें करते थे। एक दिन जब बंदर पेड़ पर खेल रहे थे, उन्हें एक सांप दिखाई दिया।
एक बड़े से पेड़ पर बहुत सारे बंदर रहते थे। वे पेड़ पर उछल-कूद करते, आम खाते और एक-दूसरे के साथ खेलते थे। पेड़ के नीचे घास में एक हिरण आराम से लेटा हुआ था। हिरण और बंदर अच्छे दोस्त थे। वे अक्सर एक-दूसरे से मिलकर बातें करते थे। एक दिन जब बंदर पेड़ पर खेल रहे थे, उन्हें एक सांप दिखाई दिया।
सांप पेड़ पर चढ़ रहा था। बंदरों को डर लग गया। वे जोर-जोर से चिल्लाने लगे। हिरण ने बंदरों की आवाज सुनी और तुरंत वहां पहुंचा। हिरण ने सांप को देखा और बंदरों से कहा, डरो मत, मैं सांप को भगा दूंगा। हिरण सांप की ओर बढ़ा और उसे डराने लगा। सांप डरकर पेड़ से नीचे उतर गया और जंगल में भाग गया। बंदर बहुत खुश हुए। उन्होंने हिरण को धन्यवाद दिया। तब से बंदर और हिरण और भी अच्छे दोस्त बन गए।
–अंश वशिष्ठ, उम्र 9वर्ष
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. रसीले आम
एक घने जंगल में एक विशाल आम का पेड़ था। उस पेड़ पर रसीले पके हुए आम लटके हुए थे। जो किसी भी प्राणी का मन मोह लेते। इस पेड़ पर बंदरों का एक समूह रहता था। जो इन आमों का आनंद लेते थे। एक दिन एक भूखा सांप पेड़ के नीचे आया। उसने आमों को देखा और उन्हें खाने की इच्छा की। लेकिन वह पेड़ पर चढ़ नहीं सकता था। उसने बंदरों से मदद मांगी। बंदर जो स्वभाव से शरारती थे, वह सांप से मजाक करने लगे। उन्होंने आमों को उसके ऊपर फेंका, जिससे वह घायल हो गया। सांप क्रोधित हो गया और उसने बंदरों को डराना शुरू कर दिया।
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. रसीले आम
एक घने जंगल में एक विशाल आम का पेड़ था। उस पेड़ पर रसीले पके हुए आम लटके हुए थे। जो किसी भी प्राणी का मन मोह लेते। इस पेड़ पर बंदरों का एक समूह रहता था। जो इन आमों का आनंद लेते थे। एक दिन एक भूखा सांप पेड़ के नीचे आया। उसने आमों को देखा और उन्हें खाने की इच्छा की। लेकिन वह पेड़ पर चढ़ नहीं सकता था। उसने बंदरों से मदद मांगी। बंदर जो स्वभाव से शरारती थे, वह सांप से मजाक करने लगे। उन्होंने आमों को उसके ऊपर फेंका, जिससे वह घायल हो गया। सांप क्रोधित हो गया और उसने बंदरों को डराना शुरू कर दिया।
बंदर डर गए और पेड़ से नीचे उतरने लगे। लेकिन सांप ने उन्हें रोक दिया और उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने उसे आम नहीं दिए तो वह उन्हें काट लेगा। बंदरों के पास कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने सांप को आम देने शुरू कर दिए। सांप ने आमों को खाया और संतुष्ट होकर चला गया। इस घटना से बंदरों ने एक सबक सीखा। उन्होंने सीखा कि दूसरों के साथ मजाक करना अच्छी बात नहीं है। उन्होंने यह भी सीखा कि अगर वे एकजुट रहेंगे तो किसी भी मुसीबत का सामना कर सकते हैं।
–ईशान्वी बिश्नोई, उम्र 10वर्ष
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. लालची बन्दर
एक बार की बात है, एक बंदर ने स्वादिष्ट आमों से भरा एक पेड़ देखा। स्वादिष्ट आम देखकर उसके मुंह में पानी आ गया। उसने कु छ आम लिए और आमों का आनंद लेने के लिए एक पेड़ की शाखा पर बैठ गया। उन्हें चबाने के बाद आम के बीज फेंक दिए और चला गया। जैसे-जैसे समय बीतता गया, जहां उसने बीज फेंका वहां एक आम का पेड़ उग आया। जल्द ही बंदर ने पेड़ की खोज कर ली। उसने अपने सभी दोस्तों को पेड़ के बारे में बताया और दावा किया कि यह पेड़ उसका है। एक दिन भूखे हिरणों के झुंड की नजर उस पेड़ पर पड़ी। वे कुछ आम पाने की आशा से तेजी से दौड़े।
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. लालची बन्दर
एक बार की बात है, एक बंदर ने स्वादिष्ट आमों से भरा एक पेड़ देखा। स्वादिष्ट आम देखकर उसके मुंह में पानी आ गया। उसने कु छ आम लिए और आमों का आनंद लेने के लिए एक पेड़ की शाखा पर बैठ गया। उन्हें चबाने के बाद आम के बीज फेंक दिए और चला गया। जैसे-जैसे समय बीतता गया, जहां उसने बीज फेंका वहां एक आम का पेड़ उग आया। जल्द ही बंदर ने पेड़ की खोज कर ली। उसने अपने सभी दोस्तों को पेड़ के बारे में बताया और दावा किया कि यह पेड़ उसका है। एक दिन भूखे हिरणों के झुंड की नजर उस पेड़ पर पड़ी। वे कुछ आम पाने की आशा से तेजी से दौड़े।
एक हिरण ने गिरा हुआ आम उठा लिया, तभी बंदर पेड़ को अपना मानते हुए क्रोधित हो गया। उसने हिरण को आम खाने से मना कर दिया। हिरण उदास थे। तभी एक सांप आया। बंदर डर गए और सांप से पूछा कि उसे क्या चाहिए। सांप ने कहा कि पेड़ उसका है। बंदर आग बबूला हो गया और उसने समझाया कि पेड़ उसका कैसे है। सांप ने बन्दर से कहा कि जिस पेड़ से उसे बीज मिला है वह उसका है। बंदर डरकर भाग गए । यहां आओ मेरे दोस्तों। सांप ने हिरणों को बुलाया। यह पेड़ हमारा और सबका है। उस दिन से जंगल में सभी ने आमों का आनंद लिया और बंदरों ने अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी।
–आराध्या भटनागर, उम्र 12वर्ष
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. चतुर बंदर और खतरनाक सांप
एक घने जंगल में एक बड़ा आम का पेड़ था, जो मीठे-मीठे फलों से भरा हुआ था। उस पेड़ पर बंदरों का एक झुंड रहता था। वे आम खाते, झूलते और मस्ती करते रहते थे। उनकी शरारतों से पेड़ पर हमेशा रौनक रहती थी। एक दिन एक खतरनाक सांप उस इलाके में आ गया। वह शिकार की तलाश में आम के पेड़ के पास पहुंच गया। सांप को देखकर बंदर डर गए, लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय कु छ करने का निश्चय किया।
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. चतुर बंदर और खतरनाक सांप
एक घने जंगल में एक बड़ा आम का पेड़ था, जो मीठे-मीठे फलों से भरा हुआ था। उस पेड़ पर बंदरों का एक झुंड रहता था। वे आम खाते, झूलते और मस्ती करते रहते थे। उनकी शरारतों से पेड़ पर हमेशा रौनक रहती थी। एक दिन एक खतरनाक सांप उस इलाके में आ गया। वह शिकार की तलाश में आम के पेड़ के पास पहुंच गया। सांप को देखकर बंदर डर गए, लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय कु छ करने का निश्चय किया।
झुंड का नेता, जो एक समझदार और बूढ़ा बंदर था, उसने सभी को एक योजना बताई। उसने छोटे और फुर्तीले बंदरों से कहा कि वे पेड़ की शाखाओं पर उछल-कूद करें और नीचे आम गिरा दें। सांप ने आम गिरते देखे और भ्रमित होकर उन्हें शिकार समझने लगा। इस बीच समझदार बंदर ने पेड़ से सूखी टहनियां और पत्तियां इक_ा कीं। अपने नुकीले पंजों से उसने टहनियों को रगड़कर आग जला दी, जिससे धुआं उठने लगा। धुएं और हलचल से डरकर सांप तेजी से झाडिय़ों की ओर भाग गया। बंदरों ने खुशी-खुशी अपनी जीत का जश्न मनाया। एकता और चतुराई से बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है। इसके बाद आम का पेड़ हमेशा उनके लिए एक सुरक्षित और खुशहाल घर बना रहा।
–युग यादव, उम्र 11वर्ष
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. बंदरों की शरारत और सर्प का सबक
एक घने जंगल में एक बड़ा आम का पेड़ था, जिस पर कई बंदर रहते थे। ये बंदर हमेशा खुश रहते और शरारतें करते थे। पेड़ पर मीठे-मीठे फल लगे थे, जिन्हें बंदर खाते और आनंद लेते। पास ही हिरणों का झुंड चर रहा था और नीचे घास पर एक सर्प सो रहा था। बंदरों को शरारत सूझी। उन्होंने पेड़ से फल तोड़कर नीचे फेंकने शुरू कर दिए। फल कभी हिरणों के पास गिरते तो कभी सर्प के पास। सर्प गहरी नींद में था, लेकिन बंदरों की हरकतों से उसकी नींद खुल गई। सर्प को गुस्सा आ गया और उसने जोर से फुफकारा। हिरण डरकर भाग गए।
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. बंदरों की शरारत और सर्प का सबक
एक घने जंगल में एक बड़ा आम का पेड़ था, जिस पर कई बंदर रहते थे। ये बंदर हमेशा खुश रहते और शरारतें करते थे। पेड़ पर मीठे-मीठे फल लगे थे, जिन्हें बंदर खाते और आनंद लेते। पास ही हिरणों का झुंड चर रहा था और नीचे घास पर एक सर्प सो रहा था। बंदरों को शरारत सूझी। उन्होंने पेड़ से फल तोड़कर नीचे फेंकने शुरू कर दिए। फल कभी हिरणों के पास गिरते तो कभी सर्प के पास। सर्प गहरी नींद में था, लेकिन बंदरों की हरकतों से उसकी नींद खुल गई। सर्प को गुस्सा आ गया और उसने जोर से फुफकारा। हिरण डरकर भाग गए।
बंदर भी डर गए लेकिन उन्होंने मजाक उड़ाते हुए सर्प पर और फल फेंक दिए। सर्प ने शांति से उन्हें देखा और कहा, ‘तुम्हारी शरारतें तुम्हें ही मुसीबत में डालेंगी। हर किसी के साथ खेलना अच्छा नहीं होता।बंदरों में से सबसे छोटा बंदर डरते हुए सर्प के पास गया और माफी मांगी। सर्प मुस्कुराया और कहा, ‘हमेशा दूसरों का सम्मान करो। जंगल में हर प्राणी का अपना महत्व है।उस दिन से बंदरों ने दूसरों को परेशान करना छोड़ दिया और सभी जानवर खुशी-खुशी जंगल में रहने लगे। शिक्षा-हर किसी के साथ आदर और सम्मान से पेश आना चाहिए। शरारतें मजेदार हो सकती हैं, लेकिन दूसरों को नुकसान पहुंचाना कभी सही नहीं।
–हंसित वाधवानी, उम्र 7वर्ष
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. जंगल की दोस्ती
यह एक जंगल का दृश्य है। यहां पर बहुत से जानवर मौजूद हैं। सारे वानर मजे से नारंगियां खा रहे है परंतु अचानक से एक बहुत ही जहरीला सांप वहां पर आ जाता है । वह बंदरों से बोलता है कि तुम में से एक बंदर मेरा आज का भोजन बन जाए या फिर तुम सब ये पेड़ और यह इलाका छोड़ कर हमेशा-हमेशा के लिए कहीं और चले जाओ । बंदरो को नारंगियों से बहुत ही ज्यादा लगाव है पर उनका दोस्त उनके लिए और भी महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने जोर-जोर से हिरणों को आवाज दी। शुरू में हिरण भी थोड़ा सा डर गए पर उन्होंने सोचा कि अब हमें जाना ही पड़ेगा ।
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. जंगल की दोस्ती
यह एक जंगल का दृश्य है। यहां पर बहुत से जानवर मौजूद हैं। सारे वानर मजे से नारंगियां खा रहे है परंतु अचानक से एक बहुत ही जहरीला सांप वहां पर आ जाता है । वह बंदरों से बोलता है कि तुम में से एक बंदर मेरा आज का भोजन बन जाए या फिर तुम सब ये पेड़ और यह इलाका छोड़ कर हमेशा-हमेशा के लिए कहीं और चले जाओ । बंदरो को नारंगियों से बहुत ही ज्यादा लगाव है पर उनका दोस्त उनके लिए और भी महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने जोर-जोर से हिरणों को आवाज दी। शुरू में हिरण भी थोड़ा सा डर गए पर उन्होंने सोचा कि अब हमें जाना ही पड़ेगा ।
बंदरों ने और हिरणों ने सांप को बहुत समझाया पर वह माना नहीं। फिर एक बंदर ने उसे नारंगी चखने को कहा परंतु सांप ने बोला कि मैं मांसाहारी जीव हूं, मैं फल नहीं खाता। फिर भी बंदरों ने किसी न किसी बहाने से नारंगी खिला ही दी। खाते ही सांप तो खुशी के मारे झूम उठा। उसने बोला कि इससे पहले इतना स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ कभी नहीं खाया। थोड़ी देर बातचीत के बाद वे सब बहुत ही अच्छे दोस्त बन गए। उसके बाद से सांप, बंदर और हिरण हमेशा साथ ही रहते और सांप हमेशा बंदरों और हिरणों को दूसरे जंगली जानवरों से भी सुरक्षित रखता था ।
–हार्दिक पूर्बिया, उम्र 11वर्ष
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. आमों की दावत
हरे-भरे जंगल के बीच में एक विशाल आम का पेड़ खड़ा था। उसकी डालियों पर रसीले, गोल-गोल आम लदे हुए थे। पके हुए आमों की खुशबू से पूरा जंगल महक रहा था। इस मनमोहक दृश्य को देखकर कुछ शरारती बंदरों की टोली पेड़ पर चढ़ गई। वे आमों का लुत्फ उठा रहे थे। छिलके और बीज जमीन पर फेंक रहे थे। आमों की खुशबू और बंदरों की चहक सुनी तो पास में ही चर रहे हिरणों का झुंड भी वहां पहुंच गया। वे भी आम खाने के लिए तरस रहे थे, लेकिन पेड़ पर चढ़ नहीं सकते थे। तभी झाडिय़ों से एक सांप निकला और आम के पेड़ की ओर बढऩे लगा।
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. आमों की दावत
हरे-भरे जंगल के बीच में एक विशाल आम का पेड़ खड़ा था। उसकी डालियों पर रसीले, गोल-गोल आम लदे हुए थे। पके हुए आमों की खुशबू से पूरा जंगल महक रहा था। इस मनमोहक दृश्य को देखकर कुछ शरारती बंदरों की टोली पेड़ पर चढ़ गई। वे आमों का लुत्फ उठा रहे थे। छिलके और बीज जमीन पर फेंक रहे थे। आमों की खुशबू और बंदरों की चहक सुनी तो पास में ही चर रहे हिरणों का झुंड भी वहां पहुंच गया। वे भी आम खाने के लिए तरस रहे थे, लेकिन पेड़ पर चढ़ नहीं सकते थे। तभी झाडिय़ों से एक सांप निकला और आम के पेड़ की ओर बढऩे लगा।
सांप को देखकर बंदर डर गए और पेड़ से नीचे उतर आए। बंदरों के भाग जाने से हिरणों को मौका मिल गया। उन्होंने सावधानी से आम के पेड़ के पास जाकर गिरे हुए आमों को खाना शुरू किया। दूर से देखकर बंदरों को एहसास हुआ कि लड़ाई करने से अच्छा है कि वे आम हिरणों के साथ बांट लें। उन्होंने हिरणों से कहा कि वे उन्हें कु छ आम देंगे, बदले में हिरणों को ताजा घास खिलाएंगे। हिरण बंदरों की उदारता से खुश हुए और उन्होंने बंदरों को कु छ आम दिए। उस दिन के बाद से बंदर और हिरण एक-दूसरे के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से रहने लगे।
–पार्थ परमार, उम्र 11वर्ष
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. जंगल में मिलकर रहना
एक गांव से थोड़ी दूरी पर एक घना जंगल था। उस जंगल में अनेक प्रकार के जीव-जंतु व पेड़-पौधे थे। उस जंगल में एक संतरे का पेड़ था। उस पेड़ के संतरे बहुत मीठे थे। पेड़ पर बहुत से बंदर रहते थे। वे बहुत शरारत करते थे। कोई जानवर उस पेड़ के नीचे से जाता, तब वे उस पर संतरे के छिलके फेंकते और उसे तंग करते थे। एक बार बंदर उस पेड़ पर उछल-कूद कर रहे थे। तभी उस पेड़ के नीचे एक काला सांप आया।
…………………………………………………………………………………………………………………………………………………………. जंगल में मिलकर रहना
एक गांव से थोड़ी दूरी पर एक घना जंगल था। उस जंगल में अनेक प्रकार के जीव-जंतु व पेड़-पौधे थे। उस जंगल में एक संतरे का पेड़ था। उस पेड़ के संतरे बहुत मीठे थे। पेड़ पर बहुत से बंदर रहते थे। वे बहुत शरारत करते थे। कोई जानवर उस पेड़ के नीचे से जाता, तब वे उस पर संतरे के छिलके फेंकते और उसे तंग करते थे। एक बार बंदर उस पेड़ पर उछल-कूद कर रहे थे। तभी उस पेड़ के नीचे एक काला सांप आया।
सांप को देखकर बंदरों ने उस पर संतरे के छिलके फेंके और उसे तंग किया। सांप को गुस्सा आया और वह फन उठाकर बंदरों को डराने लगा। लेकिन उन बंदरों पर उसका कोई असर नहीं हुआ। तब सांप पेड़ पर चढ़ जाता है और एक बंदर के बच्चे को डस लेता है। इससे बंदरों को सबक मिल जाता है और सारे बंदर जंगल में भाग जाते हैं। अब सभी जानवरों को बंदरों के आतंक से मुक्ति मिल जाती है। सभी जानवर मिल-जुलकर सुखपूर्वक रहने लगे । इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमे कभी किसी को बेवजह तंग नहीं करना चाहिए ।
–नव्या शर्मा, उम्र 11वर्ष