जिले के ढीमरखेड़ा ब्लॉक के दर्जनों गांवों में हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। इन गांव से आई तबाही के चलते कई गावों के मकान भी ढह गए। बारिश से हुई बर्बादी के चलते अब लोग शिविरों में रहने को मजबूर हैं। पान उमरिया में ऐसे ही एक शिविर बनाया गया है, जहां करीब 600 लोगों के रुकने और खाने-पीने और स्वास्थ्य चेकअप की सुविधा की गई है। मूसलाधार बारिश ने कछार गांव में सबसे ज्यादा तबाही देखने को मिली है। यहां 100 से ज्यादा मकान भारी बारिश के चलते आई बाढ़ में बह गए। यहां लोगों के घरों का राशन, कपड़ा, सामान सब कुछ बाढ़ में बर्बाद हो चुका है।
मंदिर का हिस्सा ढह गया, सड़क भी बही
बाढ़ के हालात कितने भयावह होंगे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों के घर, मकान, दुकान, खेत, खलिहान के साथ साथ मंदिर तक इसमें ढह गए। पौड़ी में एक बहुत पुराना मंदिर भी इस बेलकुंड नदी के तेज बहाव से अपने आप को नहीं बचा पाया। नदी में आई बाढ़ के कटाव के चलते मंदिर का एक हिस्सा गिर गया, यही नहीं यहां की कई सारे गांव भी पानी में डूब गए। सड़कों को भी नहीं छोड़ा, जी हां पौंड़ी गांव में ऐसी ही सड़क को तेज बारिश ने अपने साथ बहा ले गई। जिसके बाद लोगों को क्षेत्र से उसे क्षेत्र में आने जाने के लिए भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें- Rain Alert : बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बन रहे हैं खतरनाक सिस्टम, 24 घंटे में यहां धमाकेदार बारिश