84किलोमीटर लंबे हाइवे के हुए टेंडर
दूसरे फेज के तहत मोहारी से साठिया घाटी (हीरापुर) तक 39 किलोमीटर लंबे फोरलेन निर्माण के लिए 351 करोड़ रुपए लागत का टेंडर मंजूर कर लिया गया है। यह टेंडर जीत इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को मिला है। इसी प्रकार से पांचवें फेज के तहत मप्र की सीमा पर स्थित कैमाहा बैरियर से महोबा होते हुए कबरई तक 45 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। तीसरे और चौथे फेज की टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
दूसरे फेज के तहत मोहारी से साठिया घाटी (हीरापुर) तक 39 किलोमीटर लंबे फोरलेन निर्माण के लिए 351 करोड़ रुपए लागत का टेंडर मंजूर कर लिया गया है। यह टेंडर जीत इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को मिला है। इसी प्रकार से पांचवें फेज के तहत मप्र की सीमा पर स्थित कैमाहा बैरियर से महोबा होते हुए कबरई तक 45 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। तीसरे और चौथे फेज की टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
इकोनॉमिक कॉरिडोर का बनेगा हिस्सा
भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को फोरलेन में अपग्रेड करने के लिए भोपाल से विदिशा, विदिशा से ग्यारसपुर, सांठिया घाटी से चौका और चौका से कैमा पैकेजों के लिए 3589.4 करोड़ रुपए की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है। इससे यात्रा के समय को कम करने, सडक़ सुरक्षा को उन्नत करने और क्षेत्र के आर्थिक विकास में तेजी होने से समग्र विकास के लिए सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि छतरपुर से होकर गुजरने वाला सागर – कबरई हाइवे, भोपाल- कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है। इस हाइवे का निर्माण पांच फेज में किया जा रहा है। इसकी लंबाई 232 किमी रहेगी। हाइवे की अनुमानित लागत 4290 करोड़ आंकी गई है।
भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को फोरलेन में अपग्रेड करने के लिए भोपाल से विदिशा, विदिशा से ग्यारसपुर, सांठिया घाटी से चौका और चौका से कैमा पैकेजों के लिए 3589.4 करोड़ रुपए की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है। इससे यात्रा के समय को कम करने, सडक़ सुरक्षा को उन्नत करने और क्षेत्र के आर्थिक विकास में तेजी होने से समग्र विकास के लिए सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि छतरपुर से होकर गुजरने वाला सागर – कबरई हाइवे, भोपाल- कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है। इस हाइवे का निर्माण पांच फेज में किया जा रहा है। इसकी लंबाई 232 किमी रहेगी। हाइवे की अनुमानित लागत 4290 करोड़ आंकी गई है।
2023 में डीपीआर को मिली थी मंजूरी
सागर से कानपुर तक फोरलेन बनाने के लिए अप्रेल 2023 में डीपीआर मंजूर हुआ था। डीपीआर की मंजूरी के साथ भूतल परिवहन विभाग ने 2026 फोरलेन निर्माण को पूरा करने की टाइमलाइन तय की है। लेकिन लेतलतीफी की वजह से इसका निर्धारित अवधि में पूरा हो पाना संभव नहीं है। पहले फेज के तहत सागर से मोहारी गांव तक 50 किलोमीटर लंबे हाइवे का काम एनएचएआई की सागर इकाई के अधीन है। यह काम जारी है। शेष 182 किलोमीटर लंबे फोरलेन चार पेज का काम एनएचएआई की छतरपुर इकाई को कराना है। फेज दो, तीन, चार और पांच के तहत 182 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण किया जाना है। इसका काम अभी शुरू नहीं हुआ है।
सागर से कानपुर तक फोरलेन बनाने के लिए अप्रेल 2023 में डीपीआर मंजूर हुआ था। डीपीआर की मंजूरी के साथ भूतल परिवहन विभाग ने 2026 फोरलेन निर्माण को पूरा करने की टाइमलाइन तय की है। लेकिन लेतलतीफी की वजह से इसका निर्धारित अवधि में पूरा हो पाना संभव नहीं है। पहले फेज के तहत सागर से मोहारी गांव तक 50 किलोमीटर लंबे हाइवे का काम एनएचएआई की सागर इकाई के अधीन है। यह काम जारी है। शेष 182 किलोमीटर लंबे फोरलेन चार पेज का काम एनएचएआई की छतरपुर इकाई को कराना है। फेज दो, तीन, चार और पांच के तहत 182 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण किया जाना है। इसका काम अभी शुरू नहीं हुआ है।