सागर. भाग्योदय में आयोजित धर्मसभा में मुनि सुधा सागर महाराज ने कहा कि जो जिंदगी से इतना ऊब गया है कि उसका सुसाइड करने का मन होने लगेगा। इसके लिए पद्मनन्दि रविषेणाचार्य कहते हैं। अभी यह कितने भव तक अकाल से मरेगा, गर्भ में आएगा लेकिन इसका गर्भपात होगा। जिंदगी नहीं जी पाएगा। महानुभाव कभी जिंदगी में मरने का भाव मत करना। आत्महत्या के भाव करने से भी पाप लगता है। मुुनि सुधा सागर ने कहा कि हर व्यक्ति अपनी किस्मत से असंतुष्ट है, सबसे ज्यादा दुनिया में यदि कोई परेशान है तो अपने भाग्य से। अपनी किस्मत से संतोष नहीं है, अपनी जिंदगी से परेशान है। दूसरों से परेशान हो तो उसका रास्ता निकाला जा सकता है, तुम तो खुद अपनी जिंदगी से परेशान हो और जब तुम्हें खुद अपनी जिंदगी भार लगने लग जाए, सावधान तुम्हारे लिए लाइलाज बीमारी है। कोई भी दुनिया की ताकत तुम्हारे भार को नहीं बांट सकती क्योंकि तुम्हें खुद अपनी जिंदगी भार बन गई।