– सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की रीढ़ बनी नम्मा मेट्रो Namma Metro -13 वर्ष पूरे नम्मा मेट्रो ने 13 वर्ष पूरे कर लिए हैं। हालांकि, शुरुआत में ‘खिलौना ट्रेन’ Toy Train कह कर इसकी आलोचना भी हुई थी। तमाम चुनौतियों के बावजूद नम्मा मेट्रो लगातार आगे बढ़ती रही और अब बेंगलूरु की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की रीढ़ बन चुकी है।
मेट्रो के 13वें वर्ष में प्रवेश करते ही, शहर के बढ़ते यातायात संकट को संबोधित करने में इसकी महत्ता पहले से कहीं ज्यादा स्पष्ट हो गई। 14 अगस्त को नम्मा मेट्रो ने 9,17,365 यात्रियों की दैनिक सवारियों की उच्चतम संख्या दर्ज की। पूर्ण पर्पल लाइन का शुभारंभ एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम रहा है। रोजाना एक लाख से ज्यादा लोग पर्पल लाइन से जुड़ गए। मेट्रो की पहुंच कुल 73.81 किलोमीटर नेटवर्क तक विस्तारित हो गई।
दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्कबैयप्पनहल्ली (बीवाइपी) से एम.जी. रोड तक के छोटे से सफर के साथ वर्ष 2011 में नम्मा मेट्रो ने अपने सफर की शुरुआत की थी। आज, दिल्ली मेट्रों Delhi Metro के बाद यह भारत India में दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन गया है और 72.17 किलोमीटर तक फैला हुआ है। वर्तमान में 97.84 किलोमीटर मेट्रो लाइनें निर्माणाधीन हैं और अतिरिक्त 81.64 किलोमीटर नए मार्ग प्रस्तावित हैं।
इतिहास रचा इसने दक्षिण भारत South India की पहली मेट्रो के रूप में भी इतिहास रचा, जिसमें भूमिगत स्टेशन है। हाल ही में, बेंगलूरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने चैलघट्टा को व्हाइटफील्ड से जोडऩे वाली पूरी 43.49 किलोमीटर लंबी पर्पल लाइन के लिए परिचालन शुरू किया।
बाधाओं और चुनौतियों के बीच… अपने बढ़ते नेटवर्क के बावजूद, मेट्रो परियोजना को कई देरी का सामना करना पड़ा है। 18.82 किलोमीटर की येलो लाइन, जिसे बहुत पहले चालू हो जाना चाहिए था, अभी भी अधूरी है। इससे राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है। इसी तरह, ग्रीन लाइन पर एक छोटे से विस्तार को पूरा होने में 7.5 साल लग गए और अभी तक इसका उद्घाटन नहीं हुआ है। शहर की भविष्य की कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण ब्लू और पिंक लाइन को भी कई बार स्थगित किया गया है।इन बाधाओं के बावजूद, नम्मा मेट्रो को आने वाले महीनों में लगभग 94.051 किलोमीटर परिचालन लाइनों तक पहुंचने का अनुमान है।