संभवत: यही वजह है कि सीएम डॉ. मोहन यादव को उनकी कार्यशैली पसंद आई और उन्हें मैदान में तैनात कर दिया। बात हो रही है दृष्टिहीन कृष्ण गोपाल तिवारी की। वे 2008 बैच के आइएएस अफसर हैं।
जल संसाधन विभाग में सचिव रह चुके हैं। उन्हें गुरुवार देर रात तीन जिलों वाले नर्मदापुरम संभाग का आयुक्त बनाया गया है। उन्होंने शुक्रवार को पदभार ग्रहण कर लिया। पहले समझाते थे, नहीं समझने पर कार्रवाई कृष्ण गोपाल फरवरी 2012 से अगस्त 2014 नर्मदापुरम में जिला पंचायत सीईओ रह चुके हैं। लोग उनके कार्यकाल को याद करते हैं।
इसकी वजह उनका कार्यालय से ज्यादा फील्ड में काम करने से जुड़ाव रहता है। उनके रहते पंचायतों के कामों में गुणवत्ता पर सर्वाधिक जोर था। वे पहले अमले को समझाते थे, नहीं मानने पर कड़ी कार्रवाई करते थे।
संबंधित खबर: Success Story: डंडे से सबको ठीक करना चाहती थी, बन गई IAS अफसर