डिजिटल परिवेश के नए क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ा
वर्ल्ड बैंक की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस में भारत की रैंकिंग 139 देशों में छः स्थान ऊपर उठकर 38 पर पहुंच चुकी है।
भारत डिजिटल परिवेश के नए क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ा है। देश में टेक्नोलॉजी को अपनाकर एक विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया, जिससे परिवर्तन की गति तेज हुई। इसमें मुख्य भूमिका निभाई ‘डिजिटल इंडिया अभियान’ ने, जिसने बाधाओं को दूर करके सभी नागरिकों को डिजिटल दायरे में ला दिया। यूपीआई एक बड़ी उपलब्धि थी, जिसने भारत में लेन-देन का तरीका पूरी तरह से बदल दिया।
वर्ल्ड बैंक की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस में भारत की रैंकिंग 139 देशों में छः स्थान ऊपर उठकर 38 पर पहुंच चुकी है।
भारत डिजिटल परिवेश के नए क्षेत्र की ओर तेजी से बढ़ा है। देश में टेक्नोलॉजी को अपनाकर एक विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया, जिससे परिवर्तन की गति तेज हुई। इसमें मुख्य भूमिका निभाई ‘डिजिटल इंडिया अभियान’ ने, जिसने बाधाओं को दूर करके सभी नागरिकों को डिजिटल दायरे में ला दिया। यूपीआई एक बड़ी उपलब्धि थी, जिसने भारत में लेन-देन का तरीका पूरी तरह से बदल दिया।
सुधारों से आर्थिक प्रगति को दिशा
सरकार द्वारा किए गए प्रगतिशील सुधारों से देश में निवेश का आकर्षक वातावरण बना है। सबसे महत्वपूर्ण सुधार ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस का है, जिसने देश को 2020 में वर्ल्ड बैंक की डूईंग बिज़नेस रिपोर्ट में 142 से 79 रैंक ऊपर उठाकर 63 रैंक पर ला दिया है। इस रिपोर्ट से देश में किए गए सुधार का गहरा प्रभाव प्रदर्शित होता है। 2023 में सरकार ने 39,000 अनुपालनों और 1,500 पुराने कानूनों को खत्म किया। मानक अप्रत्यक्ष टैक्स संरचना के रूप में जीएसटी शुरू किया गया, जिससे भारत वैश्विक कंपनियों के लिए विकास का एक व्यवहारिक बाजार बन गया।
सरकार द्वारा किए गए प्रगतिशील सुधारों से देश में निवेश का आकर्षक वातावरण बना है। सबसे महत्वपूर्ण सुधार ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस का है, जिसने देश को 2020 में वर्ल्ड बैंक की डूईंग बिज़नेस रिपोर्ट में 142 से 79 रैंक ऊपर उठाकर 63 रैंक पर ला दिया है। इस रिपोर्ट से देश में किए गए सुधार का गहरा प्रभाव प्रदर्शित होता है। 2023 में सरकार ने 39,000 अनुपालनों और 1,500 पुराने कानूनों को खत्म किया। मानक अप्रत्यक्ष टैक्स संरचना के रूप में जीएसटी शुरू किया गया, जिससे भारत वैश्विक कंपनियों के लिए विकास का एक व्यवहारिक बाजार बन गया।