यह परंपरा न केवल ज्ञान और विज्ञान से संबंधित है, बल्कि इसमें अध्यात्म का भी महत्वपूर्ण स्थान है।
जयपुर: राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप, गुरुवार को राजकीय महाविद्यालय जयपुर में भारतीय ज्ञान परंपरा केन्द्र का उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन समारोह की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन से हुई। उद्घाटन कार्यक्रम में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान उच्च शिक्षा के अध्यक्ष प्रोफेसर दीपक कुमार शर्मा ने विधिवत उद्घाटन की घोषणा की। अपने उद्बोधन में उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह परंपरा न केवल ज्ञान और विज्ञान से संबंधित है, बल्कि इसमें अध्यात्म का भी महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने प्राचीन भारतीय विज्ञान को उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट किया और उसकी समृद्धि पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता, संस्था की प्राचार्य प्रोफेसर स्निग्धा शर्मा ने उपनिषदों के उदाहरणों से भारतीय ज्ञान परंपरा को और स्पष्ट किया। उनका संबोधन इस विषय पर गहरे विचारों और ज्ञान की प्रेरणा से भरा था। कार्यक्रम का संचालन और प्रस्तावना भारतीय ज्ञान परंपरा केन्द्र के संयोजक/नोडल अधिकारी प्रोफेसर ओमप्रकाश पारीक ने की, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर अंशु शर्मा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ। यह उद्घाटन समारोह भारतीय शिक्षा व्यवस्था में भारतीय ज्ञान परंपरा की महत्वता को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।