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समय पकड़ने की कोशिश में छूट रही है जिंदगी की स्टेयरिंग

एवं अनुबंधित बसों के चालकों से 12-13 घंटे काम लिया जा रहा है। हालात यह हैं कि यह चालक बुरी तरह थक चुके होते हैं। मानसिक रूप से भी और शारीरिक रूप से भी। ऐसे में हादसों की आशंका बनी रहती है। बीकानेर आगार में भी ऐसी ही स्थिति है। जयपुर में हुए हादसे के बाद से बीकानेर आगार हालांकि, सतर्क हो गया है। बीकानेर आगार प्रबंधक ने अनुबंधित बसों के मालिकों के साथ मीटिंग कर उन्हें चालकों के संबंध में विशेष हिदायत दी है।

बीकानेरJul 17, 2024 / 10:35 pm

Jai Prakash Gahlot

जयप्रकाश गहलोत/बीकानेर. रोडवेज एवं अनुबंधित बसों के चालकों से 12-13 घंटे काम लिया जा रहा है। हालात यह हैं कि यह चालक बुरी तरह थक चुके होते हैं। मानसिक रूप से भी और शारीरिक रूप से भी। ऐसे में हादसों की आशंका बनी रहती है। बीकानेर आगार में भी ऐसी ही स्थिति है। जयपुर में हुए हादसे के बाद से बीकानेर आगार हालांकि, सतर्क हो गया है। बीकानेर आगार प्रबंधक ने अनुबंधित बसों के मालिकों के साथ मीटिंग कर उन्हें चालकों के संबंध में विशेष हिदायत दी है। रोडवेज प्रबंधन के मुताबिक, बीकानेर आगार में रोडवेज की 59 और अनुबंधित बसें 29 हैं। रोडवेज के खुद के चालक 116 हैं। अनुबंधित बसों के मालिक आवश्यकतानुसार चालकों की संख्या को बढ़ाते रहते हैं। लंबे रूट की कई बसों में एक-एक ही चालक हैं।

बसों की स्पीड और चालकों के विश्राम पर छिड़ी बहस

जयपुर के शाहपुरा में रोडवेज बस से हुए हादसे में एक परिवार के खात्मे के बाद रोडवेज व सरकार में बसों की स्पीड और चालकों के विश्राम को लेकर बहस छिड़ गई है। प्रति घंटे बसों की स्पीड तय करने और चालकों के विश्राम को लेकर मंथन किया जा रहा है। जयपुर रोडवेज आगार में चालकों के विश्राम से लेकर बसों के रूट पर जाने से पहले पूरी तरह सार-संभाल जैसे, ब्रेक, इंजन ऑयल, साइड शीशे, वाइपर, लाइट्स सही ढंग से काम कर रही है या नहीं, इसकी जांच पड़ताल करने के लिए एक अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है।

दबी जुबान में छलका दर्द … खाने का समय तक नहीं मिलता

रोडवेज बस के एक चालक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वे प्रतिदिन 505 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। इतनी लंबी दूरी के बीच रास्ते में कहीं भी बस को 20 से 25 मिनट का स्टॉपेज नहीं हैं, जिसके चलते खाने तक का पूरा समय नहीं मिलता। परिचालक चलती बस में खाना खाता है ,तो वहीं चालक किसी स्टैंड पर पांच-सात मिनट के स्टॉपेज के दौरान चालक सीट पर बैठे-बैठे खाना खाता है। बस के समय पर पहुंचने की हड़बड़ाहट रहती है। सबसे बड़ी समस्या बस के पांच-सात मिनट देरी से होने पर निजी बस वाले सवारियां लेना तो दूर, बस स्टैंड पर बस को खड़ा भी नहीं रहने देते।

बस मालिकों को हिदायत

बीकानेर आगार में चालकों के विश्राम संबंधी सभी सुविधाए प्रर्याप्त हैं। फिर भी एहतियात के तौर पर अनुबंधित बस मालिकों से मीटिंग कर चालकों के विश्राम व ड्यूटी टाइम के संबंध में विशेष दिशा-निर्देश देकर पाबंद किया गया है।
नेमीचंद प्रजापत, कार्यवाहक मुख्य प्रबंधक बीकानेर आगार

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