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गुणवत्ता की अनदेखी: बनते ही फिर उखड़ने लगीं सड़कें, मरम्मत के बाद भी लग रहे झटके

अब परेशानी भरे रास्ते से गुजर रहे वाहन चालक और आम लोग पन्ना. जिलेभर में बनाई जा रही डामर रोड के निर्माण और मरम्मत कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। नतीजा, सड़कें पांच माह भी नहीं चल पाईं। पहली बारिश में ही सड़कों के निर्माण की हकीकत सामने आ गई। जगह-जगह गहरे […]

पन्नाNov 04, 2024 / 07:09 pm

Anil singh kushwah

शहर की ओर गल्ला मंडी, पुरुषोत्तमपुर, जनकपुर में रहवासी क्षेत्र में फुटपाथ पर लगाए गए पेवर्स भी उखड़ गए

अब परेशानी भरे रास्ते से गुजर रहे वाहन चालक और आम लोग
पन्ना. जिलेभर में बनाई जा रही डामर रोड के निर्माण और मरम्मत कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। नतीजा, सड़कें पांच माह भी नहीं चल पाईं। पहली बारिश में ही सड़कों के निर्माण की हकीकत सामने आ गई। जगह-जगह गहरे गड्ढे और साइड सोल्डर टूट गए। यही हाल पुरानी सड़कों की मरम्मत का है। मरम्मत के बाद भी लोगों को हिचकोले खाना पड़ रहा है। मिलीभगत के चलते अफसर ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए चुप्पी साधे हैं।
सड़क के ऊपर आ गई गिट्टी
पन्ना-पहाड़ीखेड़ा 38.65 किलोमीटर मार्ग का उन्नयन जबलपुर की ठेका कंपनी मेसर्स रविशंकर जायसवाल ने 82.22 करोड़ रुपए की लागत से कराया। निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग था। पन्ना-पहाड़ीखेड़ा मार्ग निर्माण के बाद छह माह भी नहीं चल पाया। पहली बारिश में ही जगह-जगह उधड़ गया। साइड सोल्डर टूट गए हैं। शहर की ओर गल्ला मंडी, पुरुषोत्तमपुर, जनकपुर में रहवासी क्षेत्र में फुटपाथ पर लगाए गए पेवर्स भी उखड़ गए हैं। नई सड़क पर लोगों को हिचकोले खाने पड़ रहे हैं। चालक अनियंत्रित होकर हादसों के शिकार हो रहे हैं। सड़क के निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की गई।
मरम्मत के बाद भी लोग खा रहे हिचकोले
पन्ना से अमानगंज का मार्ग बदहाल हो गया था। आवाजाही में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। पत्रिका ने मामले को उठाया तो जिला प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लिया। अधिकारियों की सख्ती के बाद पन्ना-से बांधी मोड़ तक मरम्मत कराई गई, लेकिन सिर्फ कोरम पूरा किया गया। गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया। इससे मरम्मत के बाद भी लोगों को हिचकोले खाना पड़ रहा है।
6 माह भी नहीं चल पाई सड़क
गुनौर-मकरंदगंज-बरसोभा मार्ग चार माह भी नहीं चल पाया। पहली बारिश में ही सड़क,उधड़ गई। ग्रामीण पहले दिन से ही सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे थे, घटिया किस्म की निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा था। निर्माण ऐजेंसी के अधिकारी निगरानी के नाम पर कोरम पूरा करते रहे, अब खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। गुनौर-मकरंदगंज-बरसोभा मार्ग का निर्माण छह पहले ही कराया गया था। निर्माण की गुणवत्ता को अनदेखा कर बनाई गई सड़क उधड़ गई है, जहां लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। सड़क की बदहाली से हादसे भी हो रहे हैं। गांव के अंदर सड़क तो बनाई गई, लेकिन नाली नहीं बनाई गई है। जरा सी बारिश होते ही सड़क में जलभराव हो जाता है। पटरी पर घटिया किस्म की मिट्टी का उपयोग किया गया है। तालाब से खोद कर डाल दी गई है।
गुनौर-मकरंदगंज-बरसोभा मार्ग
स्थिति: गुनौर-मकरंदगंज-बरसोभा मार्ग चार माह भी नहीं चल पाया। पहली बारिश में ही सड़क उधड़ गई। ग्रामीण पहले दिन से ही निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे थे। घटिया किस्म की निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा था। निर्माण एजेंसी के अधिकारी निगरानी के नाम पर कोरम पूरा करते रहे। अब खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
पन्ना-अमानगंज मार्ग
स्थिति: पन्ना-अमानगंज मार्ग में पन्ना से बांधी मोड़ तक मरम्मत के बाद भी झटके लग रहे हैं। मरम्मत के नाम पर अफसर खानापूर्ति करने में जुटे है, इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
पन्ना-पहाड़ीखेड़ा मार्ग
स्थिति: 82.22 करोड़ रुपए की लागत से बना पन्ना-पहाड़ीखेड़ा मार्ग छह माह भी नहीं चल पाया। पहली बारिश में ही जगह-जगह उधड़ गया। साइड सोल्डर टूट गए हैं। सड़क पर लोगों को हिचकोले खाने पड़ रहे हैं। सड़क धंसने से तेज रफ्तार वाहन चालक अनियंत्रित होकर हादसों के शिकार हो रहे हैं। सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे थे, लेकिन पीडब्ल्यूडी के अफसर आंखें मूंदे रहे।

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