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कागज नहीं है तो कोई बात नहीं, 2500 लगेंगे और जहां बोलोगे वहीं बन जाएगा आधार कार्ड

-जिले में संचालित आधार सेंटरों में चल रहा फर्जीवाड़ा
-कन्यादान योजना में कई जोड़ों ने शादी के बाद भी उठाया योजना का लाभ, पति की जगह फिर से जुड़वाया पिता का नाम।

दमोहAug 13, 2024 / 11:50 am

आकाश तिवारी

-जिले में संचालित आधार सेंटरों में चल रहा फर्जीवाड़ा
-कन्यादान योजना में कई जोड़ों ने शादी के बाद भी उठाया योजना का लाभ, पति की जगह फिर से जुड़वाया पिता का नाम।
पत्रिका स्टिंग
दमोह. अभी सर्वर बंद है। आधार नहीं बन पाएगा। कल आइएगा..। यह बातें आप अक्सर ही आधार सेंटरों पर सुनते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि वास्तव में सर्वर बंद होता है? हम बताते हैं कि आधार सेंटरों पर अक्सर यह क्यों बोला जाता है। दरअसल, इसी जवाब में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। सर्वर बंद होना बताकर संबंधित आधार सेंटर से मशीन बाहर निकाली जाती है और जहां मुनाफा ज्यादा होता है। वहां पर पहुंचकर लोगों के आधार कार्ड बना दिए जाते हैं।
पत्रिका ने एक आधार सेंटर का स्टिंग किया। यहां मौजूद एजेंट से एक सामान्य ग्राहक बनकर बात की। बातों ही बातों में यह जानने का प्रयास किया कि आधार सेंटर में फर्जीवाड़ा कैसे होता है। एजेंट को विश्वास में लेने थोड़ा वक्त लगा, लेकिन उसके बाद उसने आधार सेंटरों से जुड़े कारनामों की कलई खोलकर सामने रख दी।
रिपोर्टर: यार, अक्सर आधार सेंटरों पर सर्वर बंद होने की समस्या रहती है। क्या सर्वर सही में बंद होता है?
एजेंट: अरे नहीं भाई। सरकारी विभाग में संचालित आधार सेंटर पर कमाई ज्यादा नहीं होती है। यहां नियम से कही काम करना पड़ता है। इमरजेंसी में आधार बनाने के काम में पैसा काफी मिलता है।
रिपोर्टर: मतलब कैसे, समझा नहीं।
एजेंट: अरे, अभी कन्यादान योजना के तहत विवाह हुए थे न। उसमें कई जोड़े ऐसे थे, जिनकी शादी पहले हो चुकी थी। उन्होंने शादी के बाद आधार में पिता के नाम की जगह पति का नाम जुड़वा दिया था। योजना का लाभ पाने के लिए उन्हें वापस पिता का नाम जुड़वाना था। इस काम में ज्यादा कमाई थी और कई जगहों पर सेंटरों की मशीन से नाम बदले गए।
रिपोर्टर: इस काम में कितने पैसे लिए होंगे।
एजेंट: किसी से ५ तो किसी १० हजार रुपए तक।
रिपोर्टर: यदि मुझे अपना आधार कार्ड नए सिरे से बनवाना है तो कितना लगेगा।
एजेंट: यदि कहीं और आधार कार्ड बनना है। नए सिरे से बनवाना है तो २५०० रुपए दो आप, जहां बोलो वहां कार्ड बन जाएगा। दस्तावेज भी नही है, तभी भी बना देंगे।
रिपोर्टर: तेंदूखेड़ा में जो कार्रवाई हुई थी। वह क्या मामला था।
एजेंट: मशीन निजी सेंटर पर मिली थी और क्या। यही तो समझा रहा हूं कि जहां ज्यादा मुनाफा होगा। वहां पर हम खुद मशीन लेकर आ जाएंगे।
-तेंदूखेड़ा में जब्त हुई थी निजी सेंटर से एक मशीन
हालही में तेंदूखेड़ा क्षेत्र में प्रशासनिक टीम ने महिला बाल विकास विभाग की एक मशीन को एक निजी सेंटर से जब्त किया था। यह मशीन विभाग से बाहर आधार बनाते हुए पाई गई थी। इस मामले में विभागीय जांच की जा रही है।
-कॉलेजों में जरूरी है दाखिले के लिए आधार कार्ड
कॉलेजों में दाखिले व छात्रवृत्ति की राशि पाने के लिए आधार कार्ड जरूरी है। जिले में ऐसे छात्रों की संख्या ज्यादा है, जिनके आधार कार्ड नहीं है। या फिर अपडेट नहीं हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि ऐसे विद्यार्थियों के आधार कार्ड बनाने के लिए एजेंट भी आधार सेंटरों के चक्कर लगाते हैं और उन्हें विश्वास में लेकर दूसरी जगह जाकर आधार कार्ड बनाते है और अपडेट करते हैं। इसमें जमकर मुनाफा कमाते हैं।
आधार केंद्रों पर इस तरह वसूले जा रहे पैसे

-नया आधार कार्ड बनता है मुफ्त में, वसूल रहे १०० रुपए।
-आधार अपडेट कराने का शुल्क ५० है, लेते हैं २०० रुपए।
-फुल आधार अपडेट कराने का शुल्क है १०० रुपए, पर वसूले जा रहे २५० रुपए।
-इमरजेंसी में आधार शुल्क ३०० है, पर वसूले जा रहे ५०० रुपए तक।
वर्शन

ईगवर्नेंस, महिला बाल विकास और शिज्ञा विभाग में आधार सेंटर संचालित हैं। आधार सेंटरों पर ही आधार बनाए जाने का नियम है। शिकायतें मिलती हैं तो जांच कराते हैं।

महेश अग्रवाल, प्रबंधक ई-गर्वनेंस दमोह
वर्शन
आधार सेंटरों में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार मिल रही है। इस मामले में तेंदूखेड़ा क्षेत्र में कार्रवाई हुई है। यहां पर निजी सेंटर पर आधार मशीन मिली थी। सेंटर को सील किया गया है और मामले की जांच कराई जा रही है।
सुधीर कोचर, कलेक्टर दमोह

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