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मिन्नतें कर कहता रहा डायलिसिस से ही जिंदा हूं, बचा लो, निजी अस्पतालों का नहीं पसीजा दिल

आयुष्मान कार्ड लेकर धूप में अस्पतालों का 5 घंटे चक्कर काटता रहा डायलिसिस का मरीज

शाहडोलJun 09, 2024 / 12:05 pm

Kamlesh Rajak


आयुष्मान कार्ड लेकर धूप में अस्पतालों का 5 घंटे चक्कर काटता रहा डायलिसिस का मरीज
शहडोल
. निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज कराना बड़ा मुश्किल हो रहा है। निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी मरीजों से मोटी रकम वसूल रहे हैं। पैसा न देने पर इलाज करने से साफ मना कर देते हैं। शनिवार को शहडोल से 100 किमी दूर उमरिया के नौरोजाबाद से आया डायलिसिस का मरीज नईम उल्ला 55 वर्ष पुत्र के साथ आयुष्मान कार्ड लेकर धूप में निजी अस्पतालों का चक्कर काटता रहा। बार-बार गिड़गिड़ाता रहा कि डायलिसिस से ही जिंदा हूं लेकिन किसी भी अस्पताल में उसका डायलिसिस नहीं हो सका। बाद में जिला अस्पताल शहडोल में शाम को डायलिसिस किया गया। मरीज ने सीएमएचओ से भी शिकायत की है।
उमरिया में खराब थी मशीन
पीडि़त नईम उल्ला ने बताया कि वह बीते 7-8 महीने से किडनी की बीमारी से ग्रसित है। मंगलवार को उमरिया जिला चिकित्सालय डायलिसिस कराने गया था, लेकिन मशीन खराब थी। जिस कारण शनिवार को अपने पुत्र युसुफ सिद्दीकी के साथ शहडोल आया। जहां उसने पाली रोड व रीवा रोड स्थित निजी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से डायलिसिस कराने पहुंचा लेकिन दोनों अस्पताल संचालकों ने तरह-तरह के बहाने बताकर डायलिसिस करने से मना कर दिया। वहीं रीवा रोड स्थित निजी अस्पताल में 1 हजार रुपए डायलेजर व 1300 रुपए डायलिसिस की मांग की गई। कड़ी धूप में परेशान मरीज भटकता रहा।
इनका कहना
निजी चिकित्सालय में आयुष्मान कार्ड से डायलिसिस न करने की शिकायत मिली है। टीम गठित कर जांच कराई जाएगी, जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. एके लाल, सीएमएचओ
आयुष्मान कार्ड से जिन निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा है और वह डायलिसिस नहीं कर रहे हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी, ऐसे अस्पताल संचालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
बीएस जामोद, कमिश्नर

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