यह कुत्ता, भेड़िये और एक स्वतंत्र कुत्ते के बीच का हाइब्रिड प्रतीत होता है। कुत्तों की विशिष्ट विशेषताओं के अलावा, इसने झुंड में अन्य स्वतंत्र कुत्तों की तुलना में एक अलग उपस्थिति और व्यवहार प्रदर्शित किया। शोधकर्ताओं के अनुसार भविष्य में इसके अकल्पनीय परिणाम हो सकते हैं।
भेड़िया-कुत्ते Wolf Dog तब पैदा होते हैं, जब मुक्त-विचरण करने वाले कुत्ते भारतीय ग्रे भेड़िये के साथ प्रजनन करते हैं। समय से यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मुक्त-विचरण करने वाले कुत्ते वन्यजीवों, विशेष रूप से जंगली कैनिड्स के संपर्क में आते हैं।
नए निष्कर्षों ने संरक्षणवादियों के बीच चिंता की लहरें पैदा कर दी हैं। इन्हें डर है कि लुप्तप्राय भेड़िये और अधिक खतरे में पड़ सकते हैं। इन अंत:क्रियाओं के परिणामस्वरूप प्रजातियों के बीच जीन का आदान-प्रदान हो सकता है, जो पारिस्थितिक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इससे बीमारियों और व्यवहारगत परिवर्तनों का प्रसार हो सकता है। इस कारण अंतत: वन्यजीव आबादी के स्वास्थ्य, स्थिरता और अस्तित्व पर प्रभाव पर सकता है। हाइब्रिड भेड़िये-कुत्ते अधिक आक्रामक हो सकते हैं, और अपनी शिकार करने की आदतों और झुंड की संरचना को बदल सकते हैं। भेड़ियों की आनुवंशिक आबादी प्रभावित हो सकती है।
पंकज बिश्नोई, नीलकंठ बोरा, कार्तिक एन. जे. और सुजीत एस . नरवड़े वाली बीएनएचएस टीम ने पहली बार 12 अक्टूबर, 2023 को भेडिय़ा-कुत्ते की उपस्थिति दर्ज की और 24 दिसंबर, 2023 को अपने क्षेत्र के दौरे के दौरान गदग जिले के गजेंद्रगढ़ और उसके आसपास इसे फिर से देखा।
शोधकर्ताओं के अनुसार आगे के अध्ययन की जरूरी है। इस पर कोई डीएनए या वैज्ञानिक परीक्षण नहीं किया गया है। बीएनएचएस जल्द ही आगे के अध्ययन के लिए कर्नाटक वन विभाग को भेडिय़े-कुत्ते की वैज्ञानिक रिकॉर्डिंग प्रस्तुत करेगा।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुभाष मलखेड़े ने कहा कि उन्हें कर्नाटक में भेडिय़े-कुत्तों की मौजूदगी के बारे में जानकारी नहीं है और वे बीएनएचएस की रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।