तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले से दिल को छू लेने वाला एक मामला सामने आया है। यहां धर्मपुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने लापता, परेशान और मानसिक रूप से बीमार 30 वर्षीय युवक की अपने कर्तव्यों से परे जाकर मदद की और उसे उसके परिवार से भी मिलाया। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे एक साल तक अस्पताल में रखा और उसका इलाज कराया। यहीं नहीं उन्होंने उसे मानसिक बीमारी के अंधेरे से बाहर निकाला। यह कहानी मानवता का असली पाठ पढ़ाने का काम करती है।
ऐसे शुरू हुई कहानी अप्रेल 2023 में धर्मपुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने एक 30 वर्षीय मानसिक रोगी (युवक की पहचान उजागर नहीं की गई) को बचाया जो बेसुध होकर भटक रहा था। अस्पताल के कर्मचारियों ने उसकी मदद करने की ठानी। शुरुआत में उसका हिंसक, आक्रामक व्यवहार और उपचार में सहयोग की कमी से कर्मचारियों को चुनौती का सामना करना पड़ा। वह अपने बारे में कुछ भी याद नहीं कर पा रहा था। यहां तक कि अपना नाम भी नहीं बता पा रहा था। वह वार्ड से दो बार भाग भी चुका था लेकिन टीम ने हार नहीं मानी।
आधुनिक चिकित्सा ने दिखाया रंग
प्रशिक्षित मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रयासों से उसे वापस खोजा गया और सख्त उपचार व्यवस्था में रखा गया। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर और प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम की मदद से युवक कभी भी मानसिक बीमारी से बाहर आकर अपने परिवार से मिल पाएगा। टीम ने तालमेल स्थापित किया जिससे वह उपचार में सहयोग करने लगा। देखभाल और उपचार से वह अपना नाम और अपने परिवार के लोगों को याद कर सकता था। टीम ने परिवार का पता लगाया और एक साल के अंतराल के बाद अस्पताल में पुनर्मिलन समारोह में उसे एकजुट किया।
प्रशिक्षित मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रयासों से उसे वापस खोजा गया और सख्त उपचार व्यवस्था में रखा गया। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर और प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीम की मदद से युवक कभी भी मानसिक बीमारी से बाहर आकर अपने परिवार से मिल पाएगा। टीम ने तालमेल स्थापित किया जिससे वह उपचार में सहयोग करने लगा। देखभाल और उपचार से वह अपना नाम और अपने परिवार के लोगों को याद कर सकता था। टीम ने परिवार का पता लगाया और एक साल के अंतराल के बाद अस्पताल में पुनर्मिलन समारोह में उसे एकजुट किया।
107 मानसिक रोगियों को बचाया
तमिलनाडु सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहू ने अपने सोशल मीडिया पेज पर यह कहानी साझा की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि टीम ने मार्च 2022 से अब तक 107 मानसिक रूप से बीमार रोगियों को बचाया है और 56 रोगियों को उनके परिवारों से सफलतापूर्वक ट्रैक कर और उनके परिवार के सदस्यों के साथ संवाद कर उत्तरी राज्यों के रोगियों सहित फिर से मिलाया है।
तमिलनाडु सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहू ने अपने सोशल मीडिया पेज पर यह कहानी साझा की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि टीम ने मार्च 2022 से अब तक 107 मानसिक रूप से बीमार रोगियों को बचाया है और 56 रोगियों को उनके परिवारों से सफलतापूर्वक ट्रैक कर और उनके परिवार के सदस्यों के साथ संवाद कर उत्तरी राज्यों के रोगियों सहित फिर से मिलाया है।