मध्य गुजरात के बांधों में 48 फीसदी पानी
क्षेत्र के आधार पर बेहतर स्थिति में मध्य गुजरात है, जहां के 17 बांधों में 2331.01 एमसीएम संग्रह क्षमता के मुकाबले अभी 1118.38 एमसीएम (47.98 फीसदी) पानी बचा हुआ है। उत्तर गुजरात रीजन के 15 बांधों में क्षमता 1932.79 एमसीएम के मकाबले 575.21 एमसीएम पानी बचा है, जो 29.76 फीसदी है। दक्षिण गुजरात रीजन के 13 बांधों में 8617.73 एमसीएम पानी की क्षमता के मुकाबले फिलहाल 3516.05 एमसीएम पानी शेष है, यह 40.80 फीसदी है। 20 बांधों वाले कच्छ रीजन में जल संग्रह की क्षमता 332.27 एमसीएम है और फिलहाल इनमें 102.59 एमसीएम (30.88 प्रतिशत) पानी शेष रहा है।
नर्मदा बांध में बचा है 54 फीसदी संग्रह
राज्य के 9460 एमसीएम पानी की क्षमता वाले नर्मदा बांध में फिलहाल 5599.17 एमसीएम पानी शेष है, जो 53.90 फीसदी है। बांध का जल स्तर फिलहाल 121 मीटर पर है।
ये 20 बांध सूखे
सुरेंद्रनगर जिले का मॉर्शल बांध, सबूरी, निम्बमनि, लिम-भोगावो-1, सैनी, देवभूमि के मिंसर (5), शेहदाभडथडा, वर्तू, गधकी, सिंधानी, काबरका, वेराडी-2, भावनगर का मलन, जामनगर का रूपावती, राजकोट का करुनकी, कबीर सरोवर, गोंडाली, छापरवाड़ी-2, पोरबंदर का सोर्थी, अडवना,अमीपुर, अमरेली जिले का सूरजवाडी तथा जूनागढ़ के प्रेमपरा समेत 20 बांधों में बिल्कुल पानी नहीं है। इसके अलावा अन्य 15 बांध भी ऐसे हैं जिनमें क्षमता के मुकाबले एक फीसदी से भी कम पानी बचा है।
चार बांधों में अभी भी 90 फीसदी जल संग्रह
राज्य में भले ही गर्मी के बीच अनेक बांधों में पानी की स्थिति कम हुई है लेकिन अभी भी चार बांध ऐसे हैं जिनमें क्षमता के मुकाबले 90 फीसदी से अधिक पानी का संग्रह है। इन बांधों में सुरेंद्रनगर जिले के वंसल बांध में फिलहाल क्षमता के मुकाबले 100 फीसदी पानी है। इनके अलावा मोरबी का मच्छु-3 बांध में भी 100 फीसदी पानी है। जबकि राजकोट के आजी-2 बांध में 99.73 और मोरबी के घोड़ाध्रोई में 96.73 फीसदी जल संग्रह मौजूद है। ये चारों बांध हाईअलर्ट मोड पर हैं। जबकि तीन बांधों मेें क्षमता के मुकाबले 70 फीसदी से अधिक और 80 फीसदी से कम जल संग्रह है, जिससे ये बांध वार्निंग के रूप में दर्शाए गए हैं। 199 बांधों में शून्य से लेकर 70 फीसदी तक जल संग्रह है।