फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह नंबर गुजरात के सात जिलों में चल रहा है। इनमें अरवल्ली, बोटाद, छोटा उदेपुर, देवभूमि द्वारका, गिर सोमनाथ, महीसागर और मोरबी शामिल हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ताया कि गुजरात भर में शीघ्र ही इमरजेंसी नंबर 112 प्रारंभ हो जाएगा। फिलहाल यह प्रोजेक्ट अपडेट किया जा रहा है। महिला एवं बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से निर्भया फंड स्कीम के तहत भारत सरकार की ओर से यह पहल की दई है, जिसे फिलहाल गुजरात समेत 20 राज्यों ने अपनाया है।
उन्होंने कहा कि आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) आपात स्थिति में आमजन के लिए भारत भर के लिए एकल संख्या (112) आधारित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित की गई है। आपातकालीन संदेशों को संभालने के लिए प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों में एक आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (ईआरसी) को स्थापित करने की आवश्यकता होती है। यदि पुलिस, अग्नि शमन , स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं से आपातकालीन सहायता की आवश्यकता है, तो उसके लिए 112 डायल कर सकेंगे। यह इमरजेंसी नंबर प्रारंभ होने से अन्य इमरजेंसी नंबरों को याद रखने की जरूरत नहीं होगी। सभी इमरजेंसी सुविधा इस नंबर से मिल सकेंगी। फिलहाल सिस्टम को अपडेट किया जा रहा है।
एप, ईमेल, वेबसाइट से भी दे सकेंगे शिकायत-आप अपने फोन से पुलिस, फायरब्रिगेड या स्वास्थ्य सेवा के लिए 112 डायल करेंगे। पैनिक बटन को सक्रिय करने के लिए 3 बार अपने स्मार्ट फोन पर पावर बटन दबाना होगा। फीचर फोन के मामले में, पैनिक बटन को सक्रिय करने के लिए ‘5’ या ‘9’ का बटन दबाना होगा। राज्य की ईआरएसएस वेबसाइट पर लॉग ऑन करके और अपना एसओएस संदेश दे सकेंगे। राज्य ईआरसी को ईमेल से भी एसओएस संदेश दे सकेंगे।
ईआरसी को एक तत्काल संदेश भेजने के लिए आप 112 इंडिया मोबाइल एप (गूगल प्ले स्टोर) और एपल स्टोर में उपलब्ध) का भी उपयोग कर सकेंगे।