गुकेश ऐसे बने विजेता
17 वर्षीय गुकेश ने 14वें और अंतिम राउंड में अमेरीकी हिकारू नाकामुरा के साथ आसान ड्रॉ खेला तथा टूर्नामेंट को 14 में से नौ अंकों के साथ समाप्त किया। निर्णायक अंतिम दौर में गुकेश ने काले मोहरों से नाकामुरा को बराबरी पर रोककर भव्य मंच के लिए अपनी तैयारी दिखाई। क्वीन्स गैम्बिट एक्सेप्टेड में नाकामुरा के प्रयासों के बावजूद गुकेश ने नियंत्रण बनाए रखा, अंतत: जीत हासिल की।
राहत महसूस कर रहा हूं
खिताब जीतने के बाद गुकेश ने कहा, “बहुत राहत महसूस कर रहा हूं और बहुत खुश हूं। मैं यह मजेदार खेल (फाबियो कारूआना और इयान नेपोमनियातची) को फॉलो कर रहा था और फिर मैं अपने दूसरे (ग्रेगोर्ज गेजवीस्?की) के साथ टहलने गया। मेरे ख्?याल से इससे मदद मिली।”
पुरस्कार राशि पांच लाख यूरो
इस खिताब के साथ गुकेश को 88,500 यूरो (लगभग 78.5 लाख रुपए) का नकद पुरस्कार दिया गया। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट की कुल पुरस्कार राशि पांच लाख यूरो है। गुकेश इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को जीतने वाले दूसरे भारतीय है। इससे पहले वर्ष 2014 में पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद यह खिताब जीता था। आनंद ने सोशल मीडिया मंच एक्स पोस्ट में गुकेश को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उन्होंने लिखा, “सबसे कम उम्र के चैलेंजर बनने के लिए गुकेश को बधाई। आपने जो किया है उस पर वाका चेस परिवार को बहुत गर्व है। आपने जिस तरह से खेला और कठिन तरीके से संभाला, मुझे निजी तौर पर बहुत गर्व है कि आपने किस तरह खेला और मुश्किल स्थिति को संभाला। इस पल का आनंद उठाएं।”