खेत में मिले थे दो बम, नहीं हुए डिफ्यूज
सदर पुलिस थाना क्षेत्र 31 जुलाई को ग्राम पंचायत 13 एसडी के चक 11 एसडी में किसान मुखराम के खेत में दो बम मिट्टी में दबे हुए मिले। सूचना मिलने पर सदर पुलिस मौके पर पहुंची और बमों को सुरक्षित स्थान रखकर उसके आसपास मिट्टी से भरे बैग रखे थे। लेकिन बमों को निष्क्रिय करने के लिए सेना का बम निरोधक दस्ता नहीं पहुंचा। इससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ती जा रही है।2001 में आयुध डिपो में हुई थी भीषण आगजनी
बिरधवाल हैड के पास सेना का आयुध डिपो स्थापित है, जो कि करीब सात किलोमीटर दायरे में स्थापित है। आयुध डिपो में 24 मई 2001 को भीषण आगजनी हुई थी। जिससे सेना द्वारा युद्ध में इस्तेमाल होने वाले बम बड़ी संख्या में करीब आठ किलोमीटर के दायरे में बिना चले ही गिर गए थे। इसमें से कुछ बम रेत की टिल्लों में दब गए थे। आगजनी घटना के बाद सेना द्वारा बमों की तलाशी के लिए क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया गया। इसमें कुछ बम मिले थे लेकिन रेत के नीचे अभी भी बड़ी संख्या में बम पड़े हैं। बम यदाकदा खेतों में काम करने वाले किसानों को मिलते रहते हैं। इससे जान माल का खतरा सदैव बना रहता है।यदाकदा मिलते रहते हैं बम, बच्चे की हुई थी मौत
यह भी पढ़े… एनसीबी ने किया था नशीली गोलियों से भरा ट्रक, अब तस्कर को बीस साल कठोर कारावास, एक लाख रुपए का जुर्माना क्षेत्र के राजियासर थाना क्षेत्र के रायांवाली रोही व सूरतगढ़ सिटी थाना क्षेत्र के राजपुरा पीपेरन क्षेत्र में लोगों को खेतों में काम करते समय जिंदा बम मिल रहे हैं। दोनों क्षेत्रों की भूमि खेती योग्य है तथा किसान ट्रैक्टरों का इस्तेमाल खेतीबाड़ी के लिए कर रह हैं। ट्रैक्टर के दबाव पड़ते पर जमीन से बम निकल रहे हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ जाती है। वही, श्रीगंगानगर के 5 एलएल(चूनावढ़) निवासी पटीर नामक बालक 12 सितम्बर 2013 को खेत में बकरियां चराते हुए एक जिंदा मोर्टार बम मिला। वह उठाकर सूरतगढ़ के वेयर हाउस के पास लेकर आ गया। यहां तोडऩे लगा तो बम में विस्फोट हो गया। जिससे बालक व एक बकरी की मौत हो गई।
यह भी पढ़े… टाटा को मिला नया चेयरमैन, अब ये संभालेंगे पूरी विरासत