समाचार

Farming: आखिर मक्का उत्पादक किसानों को क्यों नहीं मिल रहा मनचाहा दाम, जानिए क्या है वजह

– आवक अधिक, खरीदार कम होने का पड़ रहा असर

छिंदवाड़ाNov 09, 2024 / 10:48 am

prabha shankar

Kusmeli Mandi

दशहरा के बाद जब मंडी खुली तो किसानों को मक्का के अधिकतम दाम 2632 रुपए प्रति क्विंटल तक गए। स्थिति इतनी अच्छी रही कि ज्यादातर किसानों को 2460 रुपए प्रति क्विंटल के भाव मिल रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे आवक बढ़ी दाम घटते गए। दाम घटने का कारण सीधे तौर पर नीलामी के लिए उपलब्ध होने वाले व्यापारियों की कमी बताई जा रही है। इन दिनों कृषि उपज मंडी कुसमेली में दो व्यापारी ही खरीदार हैं। हालांकि वे अपनी पूरी क्षमता से अपनी आपूर्ति के लिए खरीदी कर रहे हैं, फिर भी प्रतिस्पद्र्धा कमजोर होने के कारण किसानों को वैसा फायदा नहीं हो रहा है, जितना इस साल उम्मीद की जा रही थी।
इथेनॉल के लिए खरीदार कम

मक्का की खरीदी, स्टार्च उत्पादों के लिए चल रही है, जिसमें उच्च गुणवत्ता की काफी अधिक मांग रहती है। वहीं इथेनाल के लिए किसी भी गुणवत्ता का मक्का चल जाता है। इन दिनों मंडी में इथेनॉल खरीदी करने वाली कंपनियों ने अपने प्रतिनिधि सीधे तौर पर नहीं उतारे हैं, जबकि स्टार्च उत्पाद बनाने वाली कम्पनी एवं बाहरी कंपनियों के लिए व्यापारी लगातार खरीदी कर रहे हैं। मक्का का सीजन होने के कारण आवक भरपूर हो रही है, लेकिन व्यापारियों की कमी से प्रतिदिन खरीद क्षमता प्रभावित हो रही है। इस कारण पिछले एक पखवाड़े में 100 रुपए प्रति क्विंटल की कमी मक्का में दर्ज की गई है।

इनका कहना है

भविष्य में दाम बढऩे की अभी उम्मीद है। दरअसल इथेनाल कंपनियोंं के लिए मक्का आपूर्ति उनके स्थानीय स्तर पर हो रही है, लेकिन उनकी पूरी नजर छिंदवाड़ा मंडी में है। उन्होंने पहले से ही दो से चार लाख टन मक्का की बुकिंग वेयर हाउसों में कर रखी है, जिसका असर यह है कि दो व्यापारी होने के बाद भी मक्का 2200 से 2400 प्रति क्विंटल के आसपास ही है। दामों में अधिक कमी नहीं आई है। विगत सालों की तुलना मक्का के दाम काफी अच्छे हैं। आने वाले समय में और भी बढऩे की संभावना है।
प्रतीक शुक्ला, अध्यक्ष छिंदवाड़ा अनाज व्यापारी संघ

Hindi News / News Bulletin / Farming: आखिर मक्का उत्पादक किसानों को क्यों नहीं मिल रहा मनचाहा दाम, जानिए क्या है वजह

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.