इसके आधार पर, इंस्पेक्टर के नेतृत्व में विशेष टीम ने मंगलवार रात प्रभंजम नाम की मैगजीन के कार्यालय में तलाशी ली। जांच के दौरान, उन्होंने पाया कि वहां स्कूल, कॉलेज, और जमीन के फर्जी दस्तावेजों का कारखाना चल रहा था।पुलिस ने प्रिंटर, लैपटॉप, सेलफोन सहित नकली दस्तावेज और इसमें इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं को जब्त कर दो जनों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों को पुलिस स्टेशन लाकर पूछताछ की गई। जांच में पता चला कि यह मैगजीन कोलात्तूर के विनायकपुरम का विजय आनंद (47) चलाता था और अपने आवड़ी निवासी साथी रुबन (42) के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। साथ ही ये लोग फर्जी बॉन्ड बनाकर लाखों छाप रहे थे।
पुलिस यह तहकीकात कर रही है कि दोनों कितने सालों से यह गोरखधंधा कर रहा है? उनके जारी दस्तावेजों का नेटवर्क कितना गहरा है? फर्जी दस्तावेज से जुड़ा उन पर कहीं कोई मामला दर्ज तो नहीं?