रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर एए अंसारी ने बताया कि बाघों की गणना के लिए पूरे टाइगर रिजर्व में ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों में वन्यजीवों की फोटो कैप्चर होती रहती हैं। फेज 4 की गणना के दौरान कैमरों में जो फोटोग्राफ दिखाई दी, तस्वीर देखकर हैरान रह गए। इन फोटो में चौसिंगा दिखाई दिया। पहले हम लोग सिर्फ चौसिंगा होने का अनुमान ही लगाते थे। लेकिन कैमरों में फोटो कैद होने के बाद अब यकीन है यहां भी चौसिंगा हैं।
चौसिंगा के सिर पर चार सींग होते हैं, जो इसे खास बनाते हैं। दो सींग कानों के बीचों बीच और दो सींग आगे की तरफ माथे पर होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम टेट्रासेरस क्वॉड्रिकॉरनिस है। विलुप्तप्राय होने की वजह से इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर ने रेड अलर्ट सूची में रखा है। वहीं भारत सरकार ने भी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत चौसिंगा को बाघ के समान संरक्षित सूची में जगह दी है।
टाइगर रिजर्व में चौसिंगा मिलने के बाद यहां अन्य प्रजातियों के वन्यजीव मिलने की संभावना बढ़ गई है। यही वजह है कि टाइगर रिजर्व प्रबंधन यहां लगे कैमरों में कैप्चर हुई तस्वीरों को खंगाल रहा है। इस संबंध में डिप्टी डायरेक्टर एए अंसारी का कहना है कि हमें उम्मीद है कि चौसिंगा की तरह ही कई अन्य वन्यजीव भी टाइगर रिजर्व में हो सकते हैं। जिनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए फोटो खंगाली जा रही हैं। हो सकता है उनमें किसी वन्यजीव की फोटो मिल जाए।