राज्य वन्यजीव बोर्ड के पूर्व सदस्य जोसेफ हूवर ने कहा कि पशु क्रूरता अधिनियम 1960, और राजस्थान सरकार के 2010 के आदेश के अनुसार किसी भी प्रकार के प्रदर्शन में हाथियों के उपयोग (इसमें सवारी भी शामिल है) के लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआइ) से अनुमति लेना आवश्यक है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रोजेक्ट एलीफेंट ने बंदी हाथियों के कल्याण के लिए नियम निर्धारित किए हैं। लेकिन, सकरेबाइल हाथी शिविर में प्रत्येक सवारी के लिए पर्यटकों से बच्चों के लिए 30 रुपए तथा वयस्कों के लिए 100 रुपए वसूले जा रहे हैं। यह नियमों का खुलेआम उल्लंघन है।
हूवर ने कहा कि वन विभाग का प्राथमिक कार्य वनों और वन्यजीवों की रक्षा करना है। दुर्भाग्य से, पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। मडिकेरी के हरंगी कैंप में हाथी की सवारी शुरू करने की योजना है। उम्मीद है कि वन मंत्री ईश्वर खंड्रे वन विभाग को रोकेंगे और बंदी हाथियों को होने वाली परेशानियों से बचाएंगे।