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चिकमगलूरु जिले में जल्द होगा हाथी शिविर

इसके स्थापित होने के बाद जंगली हाथियों को पकडऩे में सहायता के लिए दूर-दराज के शिविरों से हाथियों को लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस शिविर से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

बैंगलोरOct 24, 2024 / 06:14 pm

Nikhil Kumar

चामराजनगर जिले में बंडीपुर, शिवमोग्गा में सकरेबैलु और कोडुगू में दुबेरे के बाद अब चिकमगलूरु के तनुडी के पास एक नया हाथी शिविर elepahant camp बनेगा। यह हाथी-मानव संघर्ष को कम करने की परियोजनाओं का हिस्सा है। इसके स्थापित होने के बाद जंगली हाथियों को पकडऩे में सहायता के लिए दूर-दराज के शिविरों से हाथियों को लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस शिविर से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
वन अधिकारियों के अनुसार चिकमगलूरु और हासन जिलों के मलनाड क्षेत्र में मानव-हाथी संघर्ष बढ़े हैं। मुडिगेरे और अल्दुर के निवासी भी जंगली हाथियों के आतंक से परेशान हैं। आपातकालीन स्थितियों में, अधिकारियों को मदद के लिए राज्य-स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से मौजूदा हाथी शिविरों से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसलिए, सरकार चिकमगलूरु जिले में ही एक शिविर स्थापित करना चाहती है। वरिष्ठ वन अधिकारियों ने चिकमगलूरु डिवीजन के अधिकारियों को शिविर के लिए उपयुक्त स्थान की पहचान करने के निर्देश दिए थे।
विशेषज्ञों की एक टीम ने आठ संभावित स्थलों की पहचान की थी। अंत में बारहमासी जल स्रोत और हाथियों के लिए भोजन की निरंतर उपलब्धता जैसे मानदंडों के आधार पर हलसुरू वन प्रभाग में तनुडी के पास हाथी शिविर स्थापित करने पर सहमति बनी। यह स्थान सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है और विशेषज्ञ टीम ने इसे मंजूरी दे दी है।हाथी शिविर के लिए धन की मांग करते हुए सरकार को एक प्रस्ताव पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है। एक बार धन जारी होने के बाद, जिले में अपना स्वयं का हाथी शिविर होगा।
अधिकारियों ने कहा, मुख्य उद्देश्य मानव-हाथी संघर्ष को रोकना है। इसे भद्रा नदी के पास स्थापित किया जाएगा, जिससे पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। जंगल के निकट होने के कारण हाथियों को पर्याप्त भोजन मिलेगा।

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