डीआईजी ओमप्रकाश ने बताया कि जिस समाज अथवा राष्ट्र में नारी का सम्मानजनक होता है। वह राष्ट्र और समाज उतना प्रगतिशील व विकसित होता है लेकिनमहिलाओं व बालिकाओं से सम्बन्धित आपराधिक घटनाएं पूरे देश में घटित हो रही है। रेंज स्तर पर महिलाओं पर होने वाले अपराध की रोकथाम और महिला सशक्तिकरण, यौन दुराचरण के प्रति सजग रहने के लिए आवाज दो अभियान शुरू किया है। तत्कालीन आईजी और ए.डी.जी एस. सेंगाथिर ने शुरूआत की थी। पोक्सो एवं महिला अत्याचार संबंधित न्यायालयों में लंबित प्रकरणों को केस ऑफिसर स्कीम में चयनित कर केस ऑफिसर की नियुक्ति की गई।
सितम्बर में 7 को कठोर सजा
डीआईजी ओमप्रकाश ने बताया कि अभियान का असर है कि 1 से 30 सितम्बर तक केकड़ी एक व टोंक के 2 पोक्सो एवं बलात्कार के तीन प्रकरण में आरोपियों को 20 साल की सजा व टोंक के एक प्रकरण में 2 वर्ष की दिलाई गई। एससी/एसटी के केकड़ी के एक प्रकरण में आजीवन कारावास, टोंक के 2 प्रकरण में जुर्माना और सजा दिलाई गई। सितम्बर में पोक्सो/ बलात्कार व एससी/एसटी के 7 प्रकरण में आरोपियों को कठोर सजा दिलाई गई।
पोक्सो के 53 प्रकरण में कठोर सजा
डीआईजी ओमप्रकाश ने बताया कि 2024 में 01 जनवरी से 30 सितम्बर तक शाहपुरा के आरोपी को मृत्यु दंड, अजमेर के 2, टोंक के 3 कुल 5 प्रकरण में आजीवन कारावास, 25 प्रकरण में अजमेर के 5, ब्यावर के 3. डीडवाना-कुचामन के 2. केकड़ी के 4, नागौर के 5. शाहपुरा के एक व टोंक के 5 में 20 साल की सजा दिलाई गई। दो प्रकरण में ब्यावर में 10 साल व अजमेर में 7 साल की सजा, अजमेर के एक प्रकरण में 3 साल की सजा दिलाई। इसी एक प्रकरण में 2 साल की सजा(जिला टोंक) तथा एससी/एसटी एक्ट के एक प्रकरण में आजीवन कारावास(जिला केकड़ी), 14 प्रकरणों में एक साल की सजा(टोंक) तथा 02 प्रकरणों में जुर्माना की सजा दिलवाई गई। जनवरी से सितम्बर 2024 तक पोक्सो/ बलात्कार एवं एससी/एसटी के 53 प्रकरणों में अभियुक्तों को कठोर सजा दिकाई गई।