scriptEducation: 72 वर्ष पुराने ग्रंथालय में युवा गढ़ रहे भविष्य, बन रहे अफसर | इंदिरा गांधी क्रिकेट मैदान परिसर में है स्थित | Patrika News
समाचार

Education: 72 वर्ष पुराने ग्रंथालय में युवा गढ़ रहे भविष्य, बन रहे अफसर

इंदिरा गांधी क्रिकेट मैदान परिसर में है स्थित

छिंदवाड़ाMay 08, 2024 / 10:44 am

ashish mishra

छिंदवाड़ा. शहर के इंदिरा गांधी क्रिकेट मैदान परिसर में स्थित शासकीय ग्रंथालय हर वर्ग के युवाओं के लिए मददगार साबित हो रहा है। कहते हैं कि पुस्तक इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। अगर आपने पुस्तकों से प्रेम कर लिया तो फिर सफलता भी निश्चित है। जिले के युवाओं का पुस्तकालय के प्रति प्रेम बढ़ रहा है। इस बात का अंदाजा शहर में बढ़ते पुस्तकालय को देखकर लगाया जा सकता है। शायद यही वजह है कि बीते कुछ वर्षों से जिले के काफी संख्या में विद्यार्थी बड़े-बड़े पदों पर चयनित हुए हैं। संख्या में लगातार इजाफा भी हो रहा है। निर्धन युवाओं के लिए जिला मुख्यालय पर इंदिरा गांधी क्रिकेट मैदान परिसर(शुक्ला ग्राउंड) में स्थित शासकीय जिला ग्रंथालय वरदान साबित हो रहा है। ग्रंथालय में पढऩे योग्य माहौल के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किताबों की सुविधा बढ़ गई है। उपलब्ध सुविधाएं न केवल युवाओं बल्कि सभी वर्ग को आकर्षित कर रही है। ग्रंथालय में वर्तमान में 21 हजार से भी अधिक पुस्तकें हैं। इसमें साहित्य, उपन्यास सहित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किताबें शामिल हैं। प्रतिदिन पांच हिन्दी, एक अंग्रेजी अखबार आते हैं। इसके अलावा मैगजीन भी विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है। सब कुछ निशुल्क है।
आजीवन सदस्यों की संख्या सैकड़ों में
ग्रंथालय में आजीवन सदस्यता के लिए 27 रुपए फीस ली जाती है। वर्तमान में 13 सौ से अधिक आजीवन सदस्य हैं। ग्रंथालय में पदस्थ कर्मचारी ने बताया कि आजीवन सदस्यता उनके लिए रहती है जो किताबें घर ले जाना चाहते हैं। इसके लिए सदस्यता फीस के अलावा कॉसन मनी ली जाती है। यह भी निर्धारित नहीं है। विद्यार्थी 100 से लेकर 500 रुपए तक कॉसन मनी दे सकता है। यह पैसा भी बाद में वापस हो जाता है। ग्रंथालय में सुविधाओं को देखकर पढऩे वाले युवाओं की संख्या भी बढ़ रही है।
शहर की सबसे पुरानी ग्रंथालय
इंदिरा गांधी क्रिकेट मैदान परिसर में संचालित ग्रंथालय शहर की सबसे पुरानी ग्रंथालय में से एक है। सबसे पहले यह ग्रंथालय वर्ष 1952 में जेल तिराहा पर खोली गई थी। इसके पश्चात ग्रंथालय को गुडिय़ा घर शिफ्ट किया गया, हालांकि कुछ दिन बाद ग्रंथालय ओलम्पिक स्टेडियम में शिफ्ट कर दी गई। इसके बाद दो बार और स्थान परिवर्तन हुआ। वर्ष 2013-14 में ग्रंथालय को इंदिरा गांधी क्रिकेट मैदान में बने तारामंडल भवन में शिफ्ट किया गया। वर्ष 2019 में ग्रंथालय में सोलर प्लांट भी लगा दिया गया है।
छह साल पहले हुआ जीर्णोद्धार
जनवरी 2019 तक ग्रंथालय की स्थिति काफी खराब थी। इसके बाद शासन की योजना के अंतर्गत इसका जीर्णोद्धार किया गया। इस ग्रंथालय की शोभा टूटी-फूटी चेयर, बिखरी किताबें, अंधेरे में डूबे कमरे बढ़ाते थे। अब ग्रंथालय में गद्देदार कुर्सी, पढऩे योग्य लाइट और किताबें व्यवस्थित हो चुकी हैं। सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाती है।
यह रहता है समय
ग्रंथालय गुरुवार के दिन या फिर त्योहारों के समय ही बंद किया जाता है। सुबह 8 से 11 एवं शाम 4 से 8 बजे तक खुलता है। एक साथ 100 विद्यार्थी बैठकर अध्ययन कर सकते हैं। ग्रंथालय में वर्तमान में एक प्यून पदस्थ हैं। हालांकि यहां एक ग्रंथपाल की भी आवश्यकता है। दो माह पहले तक स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बाबू को पदस्थ किया था, जिसे हटा दिया गया है।

Hindi News/ News Bulletin / Education: 72 वर्ष पुराने ग्रंथालय में युवा गढ़ रहे भविष्य, बन रहे अफसर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो