सेंथिल ने निजी अस्पतालों के चिकित्सकों से भी हड़ताल का समर्थन करने की अपील करते हुए कहा, “जब हमारी सुरक्षा की गारंटी नहीं है तो हम काम क्यों करें? हम पिछले कई सालों से सरकार के सामने यह मुद्दा उठा रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया गया है।” उन्होंने कहा कि राज्य भर में हर रोज करीब 5 लाख लोग सरकारी अस्पतालों में आते हैं और करीब 60,000 मरीज भर्ती हैं, लेकिन सरकार ने डॉक्टरों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर रखा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वार्ता के जरिए हड़ताल समाप्त कराई जाएगी।