जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही पुलिस भी रात्रि के समय जिला अस्पताल में पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेती है, लेकिन देर रात के बाद वहां तैनात कर्मचारी नदारद हो जाते हैं। वार्ड में भर्ती मरीज व उनके परिजन को उन सुरक्षा कर्मियों को तलाशना पड़ता है। वहीं रात में मरीज व उनके परिजन जिला अस्पताल की पुलिस चौकी पहुंचते हैं, जहां पर पदस्थ एक प्रधान आरक्षक अपने स्तर पर उनकी समस्या का समाधान करता है।
चस्पा किए पुलिस अधिकारियों ने मोबाइल नंबर
पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने मेडिकल कॉलेज डीन अभय कुमार सिन्हा के साथ मिलकर जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था। निरीक्षण के बाद पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिए थे कि जिला अस्पताल का सीसीटीवी कंट्रोल रूम व पुलिस का सीसीटीवी कंट्रोल रूम समन्वय स्थापित करें। इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों व जिला अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों के बीच सोशल मीडिया के माध्यम से समन्वय बनाने निर्देश दिए थे। उसी क्रम में तीनों थानों के पुलिस अधिकारियों के साथ ही महिला पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नंबर जिला अस्पताल में जगह-जगह चस्पा किए गए हैं।जारी किए थे कई दिशा-निर्देश
प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही जिला अस्पताल प्रबंधन, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन तथा पुलिस अधिकारियों ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया तथा कई निर्देश जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि मरीज के साथ आने वाले परिजन को ओपीडी पर्ची के साथ पर्ची, रात्रि में गेट नंबर तीन को बंद रखा जाना सहित अन्य निर्णय लिए गए है जिसका पालन अभी शुरू नहीं किया गया है।
वर्तमान में जिला अस्पताल में 34 सुरक्षा कर्मी तैनात हैं, जबकि आवश्यकता 60 सुरक्षा कर्मियों की है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन सुरक्षा कर्मी बढ़ाने को लेकर कार्ययोजना बना रहा है।
– उदय पराडकऱ, सहायक प्रबंधक, जिला अस्पताल, छिंदवाड़ा
– उदय पराडकऱ, सहायक प्रबंधक, जिला अस्पताल, छिंदवाड़ा