तमिलनाडु पुलिस लगातार लोगों को सावचेत कर रही है कि वे ऐसे किसी भी तरह के संदिग्ध कॉल्स पर घबराएं नहीं। अपराधी की बातों में फंसने से पहले स्वयं पूरी तरह इत्मीनान कर लें और पुलिस की मदद अवश्य लें।
केस-1 सितबर महीने में तमिलनाडु की प्रोफेसर और पूर्व पत्रकार जयंती एक जटिल ऑनलाइन घोटाले का शिकार हो गईं। ठग उनकी जीवन भर की बचत का एक बड़ा हिस्सा उड़ा ले गए। वीडियो कॉल के दौरान पुलिस अधिकारी बनकर घोटालेबाजों ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया और डराने-धमकाने की तरकीबें लगाते हुए दस लाख रुपए ऐंठ लिए।
केस-2 चेन्नई अभिरामपुरम में 72 वर्षीय वृद्धा से अक्टूबर महीने में 4.72 करोड़ रुपए की ठगी प्रकाश में आई। फोन करने वाले ने पीड़िता को धमकी दी थी कि उसके मोबाइल और आधार नंबर का इस्तेमाल कई बैंक खाते खोलने के लिए किया जा रहा है, और उसके खिलाफ मुंबई और दिल्ली साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मामले दर्ज किए गए हैं। इस मामले में तेरह जनों की गिरतारी भी हुई है।
केस-3 चेन्नई में जून महीने में गीता (बदला हुआ नाम) नामक एक बीमा पेशेवर ने इसी तरह के घोटाले में 4 लाख रुपए गंवा दिए। उसे उसके दफ़्तर के केबिन में ही डिजिटल गिरफ़्तारी में रखा गया था, और वीडियो कॉल पर घोटालेबाज़ों ने उसे धमकी दी कि अगर उसने रुपए नहीं दिए तो पुलिस उसके दफ़्तर के बाहर खड़ी है और उसे गिरफ़्तार कर लेगी।
Expert View देश में वीडियो कॉल कर गिरतार किए जाने का कोई नियम नहीं है। अगर कोई मामला दर्ज भी हुआ है, तो फोन पर पूछताछ नहीं होती है। इस तरह के धमकी भरे कॉल्स को एवॉइड करें। ऐसे कॉल्स की सूचना पुलिस को 112 पर दें और साइबर हेल्पलाइन नबर 1930 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
एडवोकेट सुनील जैन, मद्रास हाईकोर्ट