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गुस्साए स्टालिन ने क्यों कहा राज्यपाल को वापस बुलाया जाए, राज्यपाल ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण

स्टालिन ने लगाया तमिल थाई वाळथु के अनादर का आरोप, द्रविड़ शब्द पर छिड़ी जंग

चेन्नईOct 18, 2024 / 08:51 pm

PURUSHOTTAM REDDY

चेन्नई. तमिल थाई वाळथु (तमिल मां की वंदना) में कथित रूप से ‘द्रविड़’ शब्द वाली पंक्ति हटाकर गाने पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल आर. एन. रवि पर निशाना साधा कि वे इस जमीन पर बसे लोगों की भावनाओं का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि राज्यपाल को तुरंत वापस बुलाया जाए। जवाब में राज्यपाल ने सीएम के लांछन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह वक्तव्य सीएम पद की गरिमा को कमतर करने वाला है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को महानगर में हिन्दी माह समापन समारोह में राज्यपाल आरएन रवि ने शिरकत की थी। उससे पहले ही मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि गैरहिन्दी भाषी राज्यों में इस तरह के आयोजनों से बचा जाए। अन्यथा अन्य भाषाओं को भी सम्मान देते हुए इस तरह के आयोजन किए जाएं। इसके बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया। राज्यपाल के कार्यक्रम स्थल के बाहर डीएमके की ओर से विरोध प्रदर्शन भी हुआ।
उधर, आरोप लगा कि राज्यपाल के कार्यक्रम में जब तमिल मां की वंदना गाई गई तब ‘द्रविड़’ शब्द की प्रयुक्ति वाली तीसरी लाइन को अज्ञात कारणों से नहीं गाया गया। सीएम एमके स्टालिन ने इस पर राज्यपाल आरएन रवि को घेरते हुए बयान जारी किया।
राज्यपाल को तुरंत वापस बुलाया जाए: एमके स्टालिन

स्टालिन ने सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा, ‘ राज्यपाल? क्या आप आर्य हैं? द्रविड़ शब्द हटाकर तमिल थाई अभिवादन करना तमिलनाडु के कानून के खिलाफ है! जो व्यक्ति कानून के अनुसार कार्य नहीं करता और अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है वह उस पद पर रहने के योग्य नहीं है। भारत का जश्न मनाने की आड़ में राज्यपाल देश की एकता और इस भूमि में रहने वाले विभिन्न जातियों के लोगों का अपमान कर रहे हैं। क्या द्रविड़वाद से पीड़ित राज्यपाल, राष्ट्रगान में प्रयुक्त द्राविड़ शब्द को भी हटाने को कहेंगे? उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को तुरंत राज्यपाल को वापस बुला लेना चाहिए जो जानबूझकर तमिलनाडु और तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं का अपमान कर रहे हैं।
सीएम ने संवैधानिक पद का किया अपमान : राज्यपाल

सीएम के पोस्ट के कुछ देर ही बाद राजभवन के एक्स पेज पर राज्यपाल आरएन रवि की ओर से बयान पोस्ट हुआ। पोस्ट में सीएम को संबोधित करते हुए लिखा गया, ‘‘ आज शाम जारी एक निंदनीय पोस्ट में उन्होंने मेरे खिलाफ नस्लवादी टिप्पणी की और मुझ पर तमिल थाई वंदना का अनादर करने का झूठा आरोप लगाया है। वे अच्छी तरह जानते हैं कि मैं हर समारोह में तमिल थाई वाळुथु को पूरे समर्पण, गर्व और सटीकता के साथ गाता हूं। मुख्यमंत्री अच्छी तरह से जानते हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व में, केंद्र सरकार तमिल भाषा और इसकी विरासत को तमिलनाडु सहित भारत के भीतर और दुनिया के कई देशों में फैलाने के लिए विभिन्न कार्य रही है।
पीएम मोदी तमिल को संयुक्त राष्ट्र में भी ले गए। एक गौरवान्वित भारतीय के रूप में, मैंने देश की प्राचीन, समृद्ध और जीवंत भाषा तमिल को देश के अन्य राज्यों में फैलाने के लिए कई प्रयास किए हैं। उनमें से नवीनतम कदम उत्तर पूर्वी राज्य में तमिल का प्रसार करने के लिए असम सरकार के सहयोग से गुवाहाटी विश्वविद्यालय में तमिल में डिग्री पाठ्यक्रम शुरू करना है। एक मुख्यमंत्री के लिए राज्यपाल के खिलाफ झूठे आरोपों के साथ नस्लवादी टिप्पणी करना दुर्भाग्यपूर्ण, घटिया और मुख्यमंत्री के उच्च संवैधानिक पद के लिए अपमानजनक है।”

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