सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में जिला अस्पताल का विलय होने के बाद अब डीन डॉ. पीएस ठाकुर ने बीएमसी के तमाम विभागों की जानकारी अपडेट रखने के निर्देश दिए हैं। सभी विभागाध्यक्षों की बैठक लेकर डीन ने कहा कि एनएमसी पोर्टल पर विभाग की जानकारी साझा करते समय सतर्कता बरतें कि एनएमसी से आपत्ति न आए। मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, अब विभागवार मरीजों की संख्या, जांचें, विभाग में मौजूद जरूरी संसाधन, स्टाफ और योजनाओं की जानकारी निर्धारित फार्मेट में भरी जाए। बेड की संख्या बढ़ेगी और विभागों में पर्याप्त सुविधाएं व संसाधन होने से निश्चित ही बीएमसी में यूजी-पीजी सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जा सकेगी। डीन ने कहा कि एनएमसी टीम के कभी भी औचक निरीक्षण हो जाते हैं, लिहाजा एनएमसी टीम के एनालिसिस के लिए विभागों को डेटा व्यवस्थित रहें।
1200 तक पहुंचेगी बेड की संख्या-
बीएमसी के 30 वार्डों में अभी 750 बेड हैं, जिला अस्पताल भवन मिलने के बाद यहां के 400 बेड और बढ़ जाएंगे। मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष तक करीब 1200 बेड की अस्पताल होगी। मरीजों की संख्या और बढ़ेगी और उनका डेटा अपडेट रखने के लिए भी विभागों को मेहनत करनी पड़ेगी। निर्देश दिए गए कि सामान्य, क्रिटिकल, आपातकालीन केस, महिला, प्रसूताओं की छोटी से छोटी जानकारी भी विभाग में होनी चाहिए।
फैक्ट फाइल-
3.76 लाख औसत मरीजों का हर साल उपचार
9 लाख औसत हर साल जांचें हो रहीं
8700 महिलाओं के प्रत्येक वर्ष प्रसव हो रहे
125 यूजी छात्रों का प्रवेश हो रहा
17 विभागों में 71 पीजी सीट
140 नर्सिंग स्टाफ हर साल तैयार किया जा रहा
-विभागाध्यक्षों को उनके विभाग से संबंधित जानकारी अपडेट रखने, विभाग का डेटा एनएमसी की साइट पर अपलोड करने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। विभागों में पर्याप्त संसाधन, स्टाफ व एनएमसी के मापदंडों के अनुसार विभाग की व्यवस्थाएं होंगी तो निश्चित ही यहां पीजी सीटों की संख्या बढ़ेगी, इसके साथ ही बीएमसी में कई और सुविधाओं का विस्तार होगा।
डॉ. पीएस ठाकुर, डीन बीएमसी।
1200 तक पहुंचेगी बेड की संख्या-
बीएमसी के 30 वार्डों में अभी 750 बेड हैं, जिला अस्पताल भवन मिलने के बाद यहां के 400 बेड और बढ़ जाएंगे। मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष तक करीब 1200 बेड की अस्पताल होगी। मरीजों की संख्या और बढ़ेगी और उनका डेटा अपडेट रखने के लिए भी विभागों को मेहनत करनी पड़ेगी। निर्देश दिए गए कि सामान्य, क्रिटिकल, आपातकालीन केस, महिला, प्रसूताओं की छोटी से छोटी जानकारी भी विभाग में होनी चाहिए।
फैक्ट फाइल-
3.76 लाख औसत मरीजों का हर साल उपचार
9 लाख औसत हर साल जांचें हो रहीं
8700 महिलाओं के प्रत्येक वर्ष प्रसव हो रहे
125 यूजी छात्रों का प्रवेश हो रहा
17 विभागों में 71 पीजी सीट
140 नर्सिंग स्टाफ हर साल तैयार किया जा रहा
-विभागाध्यक्षों को उनके विभाग से संबंधित जानकारी अपडेट रखने, विभाग का डेटा एनएमसी की साइट पर अपलोड करने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। विभागों में पर्याप्त संसाधन, स्टाफ व एनएमसी के मापदंडों के अनुसार विभाग की व्यवस्थाएं होंगी तो निश्चित ही यहां पीजी सीटों की संख्या बढ़ेगी, इसके साथ ही बीएमसी में कई और सुविधाओं का विस्तार होगा।
डॉ. पीएस ठाकुर, डीन बीएमसी।