इनमें 160 किमी लंबी जलगांव – मनमाड चौथी लाइन, 131 किमी लंबाई वाली भुसावल-खंडवा की तीसरी और चौथी लाइन तथा 84 किम लंबाई की प्रयागराज (इरादतगंज) – मानिकपुर तीसरी लाइन शामिल है। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से परिचालन आसान हो जाएगा और भीड़भाड़ कम हो जाएगी, जिससे मुंबई और प्रयागराज के बीच सबसे व्यस्त खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढांचागत विकास हो सकेगा।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण तथा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों को बताया कि ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगी, जिससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
तीन राज्यों यानी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को कवर करने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 639 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं दो आकांक्षी जिलों (खंडवा और चित्रकूट) में कनेक्टिविटी बढ़ाएंगी, जो लगभग 1,319 गांवों और लगभग 38 लाख आबादी को सेवा प्रदान करेंगी।